काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में घड़ियाल (gharial) पहली बार आधिकारिक रूप से कैमरे में कैद किया गया

वन अधिकारियों और वन्यजीव विशेषज्ञों ने 3 मार्च को असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व (Kaziranga National Park and Tiger Reserve: KNPTR) में गंभीर रूप से संकटापन्न घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस-Gavialis gangeticus) को पहली बार आधिकारिक रूप से कैमरे में कैद किया है ।

  • एक टीम ने सिलघाट क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी पर सैंडबार पर घड़ियाल (gharial) को देखा।

घड़ियाल के बारे में

  • यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1 में और IUCN (प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ) की लाल सूची में गंभीर रूप से संकटग्रस्त (CR) के रूप में सूचीबद्ध है। वर्ल्ड वाइड फंड (WWF) के अनुसार, वर्तमान में केवल 800 घड़ियाल ही मौजूद हैं।
  • भारतीय वन्यजीव संस्थान के अनुसार, आज, उनकी प्रमुख आबादी गंगा नदी की तीन सहायक नदियों : भारत में चंबल और गिरवा नदियाँ और नेपाल में राप्ती-नारायणी नदी में पायी जाती हैं।
  • वयस्क नरों में थूथन की नोक पर बल्बनुमा वृद्धि के आकार के कारण घड़ियाल का नाम ‘घरा (बर्तन)’ से लिया गया है।
  • मादाओं में यह अनुपस्थित है। जबकि नर घड़ियाल 6 मीटर तक बढ़ सकते हैं, ममादाएं आमतौर पर 4 मीटर से अधिक लंबी नहीं होती हैं।
  • उल्लेखनीय है कि उड़ीसा एकमात्र ऐसा राज्य है जहां इस सरीसृप वर्ग की तीनों प्रजातियां – मीठे पानी के घड़ियाल, घड़ियाल और खारे पानी के मगरमच्छ पायी जाती हैं।

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