केरल में रामायण मासम शुरू
केरल में 17 जुलाई को रामायण मासम (Ramayana Masam) शुरू हुआ। यह मलयालम कैलेंडर के अनुसार वर्ष के अंतिम माह कर्कीडकम (Karkkidakam) की शुरूआत का प्रतीक है।
रामायण मास के दौरान केरल के हिन्दू घरों में पूरे महीने गोधूलि बेला में रामायण के श्लोकों का पाठ किया जाता है।
मंदिरों में भी रामायण पाठ का आयोजन होता है।
बड़ों के साथ-साथ बच्चे मलयालम साहित्य के जनक माने जाने वाले थुंचथु रामानुजन एज़ुथाचन (Thunchathu Ramanujan Ezhuthachan) द्वारा लिखित अध्यात्म रामायणम (Adhyatma Ramayanam) का पाठ करते हैं।
उदात्त उपनिषदिक सिद्धांत “लोक समस्थ सुखिनो भवन्थु” की पूर्ति के लिए प्रार्थना है, जिसका अर्थ है ‘सारी दुनिया को खुश रहने दो। एज़ुथाचन ने महाकाव्य को किलिप्पातु के रूप में वर्णित किया है।
पूरे माह, हल्के शाकाहारी भोजन का पालन किया जाता है।
यह मास आयुर्वेदिक उपचार और तीर्थ यात्राओं के लिए अनुकूल माना जाता है।
17 जुलाई से शुरू हो रहा रामायण मास 16 अगस्त को सम्पन्न होगा।
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