असम और अरुणाचल प्रदेश ने नामसाई घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने 16 जुलाई को 123 गांवों से जुड़े अंतर-राज्य सीमा विवाद को कम करने के लिए नामसाई घोषणापत्र (Namsai Declaration) पर हस्ताक्षर किए।
1960 में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा 29 टोपो-शीट्स पर दिखाई गई सीमा रेखा को दशकों के विवाद को हल करने की दिशा में अरुणाचल प्रदेश-असम सीमा के पुनर्गठन के आधार के रूप में लिया जाएगा।
नामसाई दक्षिणी अरुणाचल प्रदेश में नामसाई जिले का मुख्यालय है।
घोषणा के अनुसार, असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच सभी सीमा मुद्दे 2007 में स्थानीय आयोग के समक्ष उठाए गए मुद्दों तक ही सीमित रहेंगे।
दोनों मुख्यमंत्रियों ने सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की कि 33 सीमावर्ती गाँव अरुणाचल प्रदेश में और तीन असम में रहने चाहिए, हालाँकि अंतिम निर्णय क्षेत्रीय समितियों की सिफारिशों पर आधारित होगा। अरुणाचल प्रदेश ने नवंबर 2010 में असम के तीन गांवों पर अपना दावा वापस ले लिया था।
वर्तमान अरुणाचल प्रदेश, जिसे फरवरी 1987 में राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था, भारत के राष्ट्रपति के एजेंट के रूप में असम के राज्यपाल द्वारा प्रशासित नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर ट्रैक्ट (North East Frontier Tract) हुआ करता था। इसका नाम बदलकर नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (NEFA) कर दिया गया और 1954 में केंद्र सरकार के नियंत्रण में लाया गया।
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