G-7 शिखर सम्मेलन जर्मनी 2022 के मुख्य निष्कर्ष

विश्व के सात समृद्ध देशों के समूह के नेताओं (G-7 Group of Seven rich countries) का तीन दिवसीय वार्षिक शिखर सम्मेलन (26-28 जून 2022) जर्मनी के बवेरियन आल्प्स के श्लॉस एलमाउ (Schloss Elmau) में आयोजित किया गया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भागीदार सदस्य के रूप में ग्रुप ऑफ सेवन (G-7) शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस वर्ष भागीदार देश अर्जेंटीना, भारत, इंडोनेशिया, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका थे। G-7 का समूह सात प्रमुख औद्योगिक देशों और लोकतंत्रों का एक मंच है।

G-7 जर्मनी: मुख्य निष्कर्ष

सदस्य देशों ने इस वर्ष वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए संयुक्त प्रतिबद्धता के रूप में भूख और कुपोषण से सबसे कमजोर लोगों को बचाने के लिए अतिरिक्त $4.5 बिलियन की प्रतिबद्धता व्यक्त की, जो कुल मिलाकर $14 बिलियन से अधिक है।

सदस्य देश जलवायु कार्रवाई और बढ़ती महत्वाकांक्षा को तेज करके पेरिस समझौते के प्रभावी कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए एक क्लाइमेट क्लब की स्थापना करेंगे। क्लाइमेट क्लब (Climate Club), उच्च महत्वाकांक्षा के एक अंतर सरकारी मंच के रूप में, समावेशी प्रकृति का होगा और इसकी सदस्यता अन्य देशों के लिए खुला होगा जो पेरिस समझौते और उसके तहत निर्णयों के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध होंगे।

सदस्य देशों ने चाइल्ड कैयर इंसेंटिव फंड (Childcare Incentive Fund) के लिए $79 मिलियन के सामूहिक समर्थन के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण चाइल्डकैअर बुनियादी ढांचे तक वैश्विक पहुंच का विस्तार करने के प्रयासों का समर्थन करने का वादा किया।

सदस्य देशों ने 2035 तक पूरी तरह या मुख्य रूप से डीकार्बोनाइज्ड बिजली क्षेत्र को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की।

G-7 के बारे में

सात देशों के समूह (G-7) सात प्रमुख औद्योगिक देशों और लोकतंत्रों-जर्मनी, कनाडा, फ्रांस, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ का एक अनौपचारिक मंच है। G20 की तरह ही G7 एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन नहीं है।

इसका अपना कोई प्रशासनिक तंत्र नहीं है, न ही इसके सदस्यों का किसी भी तरह से स्थायी रूप से प्रतिनिधित्व किया जाता है।

G-7 की अनौपचारिक संरचनाओं के कारण, अध्यक्षता धारण करने वाले देश की विशेष रूप से महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अध्यक्ष शिखर सम्मेलन के आयोजन और एजेंडा निर्धारित करने के लिए जिम्मेदार है।

हालांकि G7 द्वारा लिए गए निर्णय कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं हैं, लेकिन उनका एक ठोस राजनीतिक प्रभाव पड़ता है।

2022 रेजिलिएंट डेमोक्रेसीज स्टेटमेंट

भारत सहित शक्तिशाली G7 समूह और उसके पांच सहयोगी देशों के नेताओं ने कहा है कि वे नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं की स्वतंत्रता और विविधता की रक्षा करते हुए सार्वजनिक बहस और ऑनलाइन और ऑफलाइन सूचना के मुक्त प्रवाह के लिए प्रतिबद्ध हैं।

G-7 शिखर सम्मेलन के दौरान 27 जून को जर्मनी के एलामू में जारी ‘2022 रेजिलिएंट डेमोक्रेसीज स्टेटमेंट’ (2022 Resilient Democracies Statement) शीर्षक से एक संयुक्त बयान में, नेताओं ने कहा कि वे इन सिद्धांतों की रक्षा के लिए तैयार हैं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए संकल्पित हैं।

 GS टाइम्स UPSC प्रीलिम्स (PT) करेंट अफेयर्स  डेली ऑनलाइन अभ्यास  (टेस्ट) के लिए यहाँ क्लिक करें  

यूपीपीसीएस, बीपीएससी, आरपीएससी, जेपीएससी, एमपीपीएससी पीटी परीक्षा के लिए दैनिक करंट अफेयर्स क्विज यहां क्लिक करें

MORE THAN 30 QUESTIONS FORM GS TIMES UPSC 2022 PRELIMS CURRENT AFFAIRS DAILY TEST

error: Content is protected !!