अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह 2022
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने 1 मार्च 2021 को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर पूरे सप्ताह मनाए जाने वाले उत्सव का उद्घाटन किया। महिला और बाल विकास मंत्रालय ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के राष्ट्रव्यापी उत्सव के तहत 1 से 8 मार्च, 2022 तक अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह मना रहा है।
- इस अवसर पर केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री ने वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) की ‘सखियों’, अधिकारियों और मीडियाकर्मियों की विशाल सभा को संबोधित किया। उन्होंने ओएससी के उन पदाधिकारियों के अथक प्रयासों की सराहना की जिन्होंने हिंसा व दुर्व्यवहार की शिकार महिलाओं को समग्र सेवाएं प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- श्रीमती ईरानी ने कोविड महामारी के खतरे के बावजूद महिलाओं की सुरक्षा के लिए पूरे देश में संचालित सभी 704 ओएससी के किए गए ठोस प्रयासों की सराहना की।
- वहीं, सखियों को अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आपके द्वारा बचाए गए हर एक जीवन के लिए और जिस सम्मान को आप बनाए रखती हैं, उसे यह राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।
वन स्टॉप सेंटर
- हिंसा से प्रभावित और सहायता की जरूरत वाली महिलाओं के लिए 704 वन स्टॉप सेंटर या 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सखी केंद्रों के माध्यम से एक ही जगह कई एकीकृत सेवाएं प्रदान की जा रही हैं, जिसमें पुलिस की सुविधा, चिकित्सा और कानूनी सहायता एवं परामर्श और मनोवैज्ञानिक-सामाजिक परामर्श शामिल हैं। इसके साथ ही टोल-फ्री महिला हेल्पलाइन (181) के माध्यम से आपातकालीन/गैर-आपातकालीन सहायता प्रदान की जाती है। 24.12.2021 तक, 54 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता प्रदान की गई है।
निर्भया कोष
- अधिकारियों की अधिकार प्राप्त समिति (ईसी) की एक बैठक 26.03.2021 को आयोजित की गई थी जिसमें पूर्व में स्वीकृत परियोजनाओं / योजनाओं के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा के अलावा, अधिकारियों की अधिकार प्राप्त समिति ने महिलाओं को विभिन्न पहलुओं पर सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले 16 पहलों को ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी दी थी जिसमें ड्यूटी करने वालों का प्रशिक्षण, चालक, मानसिक स्वास्थ्य, खतरनाक जगहों को प्रकाशित करना, पीड़ित को समय पर मुआवजा प्रदान करना, पुलिस सहायता बूथ, नाबालिग लड़कियों को राहत और आश्रय सहायता आदि शामिल हैं। इसके अलावा, अधिकार प्राप्त समिति ने बिहार सरकार, पंजाब सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की महिला सुरक्षा पर 3 परियोजनाएं/योजनाएं का मूल्यांकन किया। इसके अलावा, चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान, 114.89 करोड़ रुपये के दो प्रस्तावों अर्थात (1) विदेश में भारत मिशन के तहत वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) खोलने का प्रस्ताव- 40.79 करोड़ रुपये) और (2) बलात्कार/सामूहिक बलात्कार से बची जीवित और गर्भवती हुई नाबालिग लड़की को न्याय दिलाने और महत्वपूर्ण देखभाल एवं सहायता के लिए योजनाएं- 74.10 करोड़ रुपये, का 28.04.2021 को मूल्यांकन किया गया और 30.09.2021 को चार और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में डीएनए विश्लेषण के प्रस्ताव के लिए 17.31 करोड़ रुपये का मूल्यांकन किया गया था।
चाइल्डलाइन का विस्तार
- चाइल्डलाइन 1098 एक राष्ट्रव्यापी पहल है जो सहायता की आवश्यकता वाले बच्चों को बचाने और उनकी सहायता करने के लिए दिन में 24 घंटे, वर्ष में 365 दिन, मुफ्त, आपातकालीन फोन सेवा प्रदान करती है। इस वर्ष, चाइल्डलाइन ने बस स्टैंडों पर भी चाइल्डलाइन सेवा शुरू की है और वर्तमान में यह रेलवे स्टेशनों पर अपनी उपस्थिति के अलावा 9 बस स्टैंडों पर उपलब्ध है।
आईसीडीएस के तहत पूरक पोषाहार कार्यक्रम
- प्रधानमंत्री की 15 अगस्त, 2021 को लाल किले से की गई घोषणा को ध्यान में रखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए पूरक पोषण कार्यक्रम के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 100 प्रतिशत परिष्कृत चावल वितरित करने का निर्णय लिया है।
किशोर न्याय संशोधन अधिनियम
- सरकार ने 9 अगस्त, 2021 को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2021 को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत कार्यान्वयन और निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए अधिसूचित किया है। इसके अलावा, जेजे संशोधन अधिनियम, 2021 अपर जिला मजिस्ट्रेट सहित जिला मजिस्ट्रेट को जेजे अधिनियम, 2015 के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार एजेंसियों के कार्यों का प्रभावी ढंग से समन्वय और निगरानी करने और अधिनियम के प्रावधानों के तहत गोद लेने के मामलों का फैसला करने का अधिकार देता है। नए संशोधन में बाल कल्याण समिति के सदस्यों की नियुक्ति के लिए पात्रता शर्तें भी जारी की गई हैं।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई)
- इस योजना में गर्भावस्था और स्तनपान कराने के दौरान डीबीटी मोड में गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं (पीडब्लू एंड एलएम) के बैंक/डाकघर खाते में सीधे तीन किस्तों में 5,000/- रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। यह वेतन मुआवजे और स्वास्थ्य चाहने वाले व्यवहार को बढ़ावा देने के माध्यम से महिला सशक्तिकरण का एक उपाय है। 24.12.2021 तक, 2.17 करोड़ लाभार्थी इस योजना के तहत कुल 9,457/- करोड़ रुपये के भुगतान से लाभान्वित हुए हैं।