मेजर इकोनॉमीज फोरम ऑन एनर्जी एंड क्लाइमेट (MEF)

Image credit: @byadavbjp (Shri Bhupendra Yadav)

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने अमरीकी राष्ट्रपति जोसफ बाइडेन की मेजबानी में ऊर्जा और जलवायु पर मेजर इकनोमिक फोरम (Major Economies Forum on Energy and Climate : MEF) की वर्चुअल बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया जो 17 जून आयोजित हुई।

भारत का पक्ष

MEF की बैठक का उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती प्रदान करना और जलवायु संकट से निपटने के लिए किए गए कार्यों को गैल्वेनाइज करना था, जिससे सीओपी-27 को गति प्रदान की जा सके।

इस बैठक में दुनिया की 23 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं और संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने हिस्सा लिया।

श्री भूपेन्द्र यादव ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सामूहिक वैश्विक प्रयास में योगदान देने के लिए भारत की निरंतर प्रतिबद्धता के संदर्भ में बात की।

उन्होंने बल देकर कहा कि भारत की पहल उसकी सीमाओं से आगे बढ़कर है, जिसमें इंटरनेशनल सोलर एलायंस और कोलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएशन इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है।

उन्होंने कहा कि भारत द्वारा पहले ही 159 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित की जा चुकी है और पिछले 7.5 वर्षों में, भारत की स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता में 18 गुना से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है।

श्री यादव ने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति वार्षिक उत्सर्जन, वैश्विक औसत का केवल एक तिहाई है और इसका संचयी GHG उत्सर्जन 4 प्रतिशत से भी कम है, लेकिन भारत के जलवायु लक्ष्य महत्वाकांक्षी हैं और वैश्विक हित के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि संचयी उत्सर्जन पर नियंत्रण प्राप्त किए बिना उनका स्थायी मूल्य प्राप्त नहीं होगा, भले ही अन्य पर्यावरणीय चुनौतियों पर सफलता प्राप्त की जा चुकी हो।

केंद्रीय मंत्री ने एमईएफ के सदस्यों से ग्लासगो में COP-26 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उल्लिखित लाइफ यानी ‘लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट’ (LIFE i.e. Lifestyle for Environment) पर एक वैश्विक आंदोलन की शुरूआत करने का आह्वान किया।

मेजर इकोनॉमीज फोरम ऑन एनर्जी एंड क्लाइमेट (MEF)

वर्ष 2009 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा शुरू किया गया मेजर इकोनॉमीज फोरम ऑन एनर्जी एंड क्लाइमेट (MEF) का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के खिलाफ प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक राजनीतिक नेतृत्व को प्राप्त करने के लिए विकसित और विकासशील, दोनों प्रमुख उत्सर्जक देशों के बीच स्पष्ट संवाद की सुविधा प्रदान करना है।

MEF में वैश्विक जीडीपी, जनसंख्या और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के 80 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करने वाले देश शामिल हैं।

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