कार्बन बम डिफ्यूज’ करने के लिए ‘लीव इट इन द ग्राउंड इनिशिएटिव (LINGO)’
पर्यावरणविदों, वकीलों और कार्यकर्ताओं का एक समूह कार्बन बमों (defuse carbon bombs) की पहचान करने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए एक नेटवर्क बनाने के लिए एक साथ आया है। कोयला, तेल और गैस परियोजनाएं जिनमें ग्लोबल वार्मिंग में महत्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता है को कार्बन बम (carbon bombs) की संज्ञा दी गयीं हैं।
मई 2022 से द गार्जियन की एक खोजी परियोजना के बाद ‘कार्बन बम’ शब्द का उपयोग किया गया।
इस परियोजना ने 195 ‘कार्बन बम’ परियोजनाओं में शामिल होने के लिए दुनिया भर के देशों और निजी कंपनियों की योजनाओं की सूचना दी।
गार्जियन ने कहा कि यह ” तेल या गैस परियोजनाएँ है जिसके परिणामस्वरूप अपने जीवनकाल में कम से कम एक अरब टन CO2 उत्सर्जन होगा।
जांच के अनुसार, इनमें से 60% से अधिक कार्बन बम परियोजनाएं पहले से ही चल रही हैं। कोयले, तेल और गैस के संचालन के अलावा, रिपोर्ट में मीथेन के खतरे पर प्रकाश डाला गया है, जो “नियमित रूप से गैस संचालन से लीक होता है और एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, जो 20 वर्षों में CO2 की तुलना में 86 गुना अधिक गर्मी को फ़ांस कर रखेगी ।
कार्बन बमों को ‘डिफ्यूज’ करने के लक्ष्य की दिशा में काम करने वाले इस नेटवर्क को ‘लीव इट इन द ग्राउंड इनिशिएटिव (LINGO)’ कहा जाता है।
LINGO का मिशन “जीवाश्म ईंधन को जमीन में छोड़ना और उनके बिना जीना सीखना” है। यह मानता है कि जलवायु परिवर्तन की जड़ जीवाश्म ईंधन का जलना है, और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का 100% उपयोग इसका समाधान है।