सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने ‘श्रेष्ठ’ (SHRESHTA) योजना शुरू की
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने 3 जून को लक्षित क्षेत्रों में हाई स्कूल में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा के लिए योजना “श्रेष्ठ” (Scheme for Residential Education for Students in Targeted Areas: SHRESHTA) शुरू की।
- संविधान के अनुसार अनुसूचित जाति के सबसे गरीब छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से लक्षित क्षेत्रों में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा योजना ‘SHRESHTA’ तैयार की गई है।
- श्रेष्ठ योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति समुदायों के उन मेधावी गरीब छात्रों को कक्षा 9वीं से कक्षा 12वीं तक नि:शुल्क आवासीय शिक्षा उपलब्ध कराना है जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये तक हो।
- इसके तहत, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा श्रेष्ठ के लिए राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा (एनईटीएस) के पारदर्शी तंत्र के जरिए प्रत्येक वर्ष राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में मेधावी अनुसूचित जाति के छात्रों की एक निर्दिष्ट संख्या (लगभग 3000) का चयन किया जाता है।
- चयनित छात्रों को 12वीं कक्षा तक शिक्षा पूरी करने के लिए 9वीं और 11वीं कक्षा में सीबीएसई से संबद्ध सर्वश्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाता है।
- इसके बाद, इन छात्रों को भारत सरकार से पर्याप्त वित्तीय सहायता के साथ अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना या मंत्रालय की उच्च श्रेणी की शिक्षा योजना से जोड़ा जा सकता है।
- भोजन शुल्क सहित स्कूल शुल्क और छात्रावास शुल्क का पूरा खर्च भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
- इस योजना के तहत छात्र अपनी शिक्षा के लिए देश भर में किसी भी स्कूल का चयन कर सकते हैं।
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