ग्रीन हाइड्रोजन और भारत

कुछ दिनों पहले स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत दुनिया भर में मौजूदा ऊर्जा संकट का फायदा उठाकर ग्रीन हाइड्रोजन (green hydrogen) के नेतृत्व के रूप में उभरेगा।

  • ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) द्वारा पूर्वी असम के जोरहाट में भारत का पहला 99.99% शुद्ध हरित हाइड्रोजन संयंत्र चालू किया गया है।
  • हाइड्रोजन एक रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन, गैर-विषाक्त और अत्यधिक दहनशील गैसीय पदार्थ है यह हाइड्रोजन ब्रह्मांड में रासायनिक तत्वों के परिवार का सबसे हल्का, सरल और सबसे प्रचुर मात्रा वालासदस्य है। लेकिन ग्रीन इस हाइड्रोजन को “भविष्य का ईंधन” बनाता है।
  • ‘ग्रीन’ इस बात पर निर्भर करता है कि हाइड्रोजन प्राप्त करने के लिए बिजली कैसे उत्पन्न होती है, जो जलने पर ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन नहीं करती है। सौर, पवन या जल विद्युत जैसे ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाता है।
  • हाइड्रोजन ‘ग्रे’ और ‘ब्लू’ भी हो सकता है। ग्रे हाइड्रोजन (Grey hydrogen) कोयले और गैस जैसे जीवाश्म ईंधन के माध्यम से उत्पन्न होता है और वर्तमान में दक्षिण एशिया में कुल उत्पादन का 95% हिस्सा है।
  • ब्लू हाइड्रोजन (Blue hydrogen) भी, जीवाश्म ईंधन को जलाने से उत्पन्न बिजली का उपयोग करके उत्पादित किया जाता है, लेकिन इस प्रक्रिया में उत्सर्जित कार्बन को वायुमंडल में प्रवेश करने से रोकने के लिए प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया जाता है।
  • कार्बन उत्सर्जन को कम करने और ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों के उपयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से 15 अगस्त, 2021 को राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन शुरू किया गया था। भारत सरकार ने पिछले साल वर्ष 2030 तक सालाना 50 लाख टन ईंधन के उत्पादन के लक्ष्य के साथ एक राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन नीति की घोषणा की थी।
  • वर्ष 2015 के पेरिस समझौते (पूर्व-औद्योगिक स्तरों की तुलना में ग्लोबल वार्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे तक सीमित करने के लक्ष्य वाला जलवायु परिवर्तन पर एक कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय संधि) के तहत, भारत अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 2005 के स्तर से 33-35% तक कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर पक्षकारों के 2021 सम्मेलन में, भारत ने जीवाश्म और आयात-निर्भर अर्थव्यवस्था से वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य अर्थव्यवस्था (net-zero economy) में जाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
  • भारत का औसत वार्षिक ऊर्जा आयात बिल 100 बिलियन अरब से अधिक है जो भारत को एक उच्च कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जक बना दिया है।
  • वर्ष 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्र होने के लिए, सरकार ने वैकल्पिक ईंधन के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन को पेश करने की आवश्यकता पर बल दिया है जो भारत को वैश्विक केंद्र और हाइड्रोजन का एक प्रमुख निर्यातक बना सकता है।

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