क्या हैं ओबीसोजेन्स (Obesogens)?

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एक प्रमुख वैज्ञानिक समीक्षा के अनुसार, पर्यावरण में ओबीसोजेन्स (Obesogens) नामक रसायनों के एक वर्ग के विषाक्त स्तर दुनिया भर में मोटापे की महामारी को तेज कर सकते हैं। मोटापा 1975 के बाद से दुनिया भर में लगभग तीन गुना हो गया है।

  • अधिक वजन और मोटापे को असामान्य या अत्यधिक वसा संचय के रूप में परिभाषित किया गया है जो स्वास्थ्य को खराब कर सकता है।
  • प्रचलित धारणा के मुताबिक मोटापा, ऊर्जा के सेवन और अधिक खाने और अपर्याप्त व्यायाम के कारण होने वाले व्यय के बीच असंतुलन का परिणाम है।
  • लेकिन समीक्षा में पाया गया है कि ओबीसोजेन (obesogens) ऊर्जा सेवन और ऊर्जा व्यय के बीच संतुलन को बदल सकते हैं।
  • प्रयोगात्मक अध्ययनों के आंकड़ों से पता चला है कि अंतःस्रावी-विघटनकारी रसायन (endocrine-disrupting chemicals: EDCs) मोटापे के विकास और प्रगति को प्रभावित करते हैं।
  • पीयर-रिव्यू जर्नल बायोकेमिकल फार्माकोलॉजी में छपे तीन समीक्षा पत्रों के अनुसार, obesogens पर्यावरणीय रसायनों का एक उपसमुच्चय है जो अंतःस्रावी व्यवधानों के रूप में कार्य करता है, चयापचय के समापन बिंदुओं (metabolic endpoints) को प्रभावित करता है।
  • पीयर-रिव्यू जर्नल ने मानव कोशिकाओं और जानवरों पर प्रयोगों और लोगों के महामारी विज्ञान के अध्ययन से लगभग 50 रासायनिक यौगिकों की पहचान की, जो obesogenic प्रभावों के अच्छे प्रमाण हैं।
  • इनमें बिस्फेनॉल ए (bisphenol A), पैराबेन्स (Parabens), फाथेलेट्स (phthalates) शामिल हैं, जो मोटे तौर पर प्लास्टिक में जोड़े जाते हैं।
  • 15 अध्ययनों के विश्लेषण में वयस्कों में bisphenol A स्तर और मोटापे के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध पाया गया।
  • अन्य obesogens में शामिल हैं; कीटनाशक, पेरफ्लूरोअल्काइल पदार्थ (perfluoroalkyl substances: PFAs) यौगिक हैं जो खाद्य पैकेजिंग, कुकवेयर और फर्निशिंग में मौजूद होते हैं।

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