एंडोसल्फान कीटनाशक की पीड़ितों को मुआवजा नहीं देने पर केरल सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने एंडोसल्फान (endosulfan) कीटनाशक की पीड़ितों के लिए ” कुछ भी नहीं” करने के लिए केरल सरकार को फटकार लगाई है। दूसरी ओर केरल सरकार ने कहा कि विषाक्त एंडोसल्फान कीटनाशक से प्रभावित हुए सभी पीड़ितों के सत्यापन का काम जारी है और इनमें से अधिकतर लाभार्थियों को अगले 3-4 महीने में मुआवजा राशि वितरित कर दी जाएगी।

क्या है एंडोसल्फान मामला?

  • वर्ष 2017 में सर्वोच्च न्यायालय निर्णय दिया था कि एंडोसल्फान कीटनाशक के चपेट में आये सभी पीड़ितों को 5 लाख रूपये की राशि तीन महीने की भीतर दिया जाये।
  • फैसले के पांच साल बाद, अदालत ने महसूस किया है कि 3,704 पीड़ितों में से केवल आठ को मुआवजा दिया गया है। इसने एंडोसल्फान के संपर्क में आने से होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए एक चिकित्सा सुविधा स्थापित करने का भी निर्देश दिया।

भारत में एंडोसल्फान पर प्रतिबन्ध

  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एंडोसल्फान कीटनाशक के उत्पादन और वितरण पर प्रतिबंध लगाने से पहले केरल में काजू, कपास, चाय, धान, फलों और अन्य फसलों पर इस कीटनाशक का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता था।
  • लेकिन इससे इंसानों की सेहत और पर्यावरण को होने वाले कथित नुकसान को लेकर लंबे समय से विवाद रहा है। कई संगठनों ने आवाज़ उठाई कि ये कीटनाशक विशैला है और अगर शरीर में चला जाए तो घातक हो सकता है। इस रसायन के संपर्क में आने से न्यूरोटॉक्सिसिटी, देर से यौन परिपक्वता, शारीरिक विकृति, विषाक्तता जैसे विकार के मामले सामने आये हैं।
  • तत्कालीन मुख्य न्यायधीश एस़ एच़ कपाड़िया की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने निर्णय में कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 21 यानी जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार के प्रावधानों के तहत इस न्यायालय के विभिन्न फैसलों और, विशेषकर सावधानी बरतने के सिद्वांत के मद्देनजर देशभर में एंडोसल्फान के उत्पादन और उपयोग पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने का अंतरिम आदेश दिया जाता है।
  • इस तरह 2011 से भारत में एंडोसल्फान कीटनाशक प्रतिबंधित है।

स्टॉकहोम कंनवेंशन

  • अप्रैल 2011 में हुए स्टॉकहोम कंनवेंशन (‘‘स्टॉकहोम कंनवेंशन ऑन परसिस्टमेंट आर्गेनिक पॉल्यूटेंट्स’) में 100 से ज़्यादा देशों ने तय किया था कि एंडोसल्फ़ान के उत्पादन और इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी जाए।
  • यानी एंडोसल्फ़ान अब कीटनाशकों की संयुक्त राष्ट्र की उस सूची में शामिल हो गया है जिन्हें दुनिया से हटाना है।
  • ये प्रतिबंध 2012 के मध्य से लागू हुए। कुछ मामलों में पाँच साल की छूट दी गई या फिर तब तक के लिए जब तक एंडोसल्फान की जगह वैकल्पिक उत्पाद तैयार नहीं हो जाता।
  • भारत ने शुरु में उस संधि का विरोध किया था लेकिन बाद में शर्तों के तहत वो मान गया।

GS TIMES UPSC PRELIMS & MAINS CURRENT AFFAIRS BASED BASICS  DAILY ONLINE TEST CLICK HERE

CLICK HERE DAILY CURRENT AFFAIRS QUIZ FOR STATE CIVIL SERVICES

error: Content is protected !!