हरियाणा के हड़प्पा स्थल राखीगढ़ी में मिली 5000 साल पुरानी ज्वैलरी फैक्ट्री
हरियाणा के हिसार स्थित राखीगढ़ी स्थल ( Rakhigarhi) पर करीब 5000 साल पुराने हड़प्पा कालीन शहर (Harappan site) के दफन होने के रहस्य खुलने वाले हैं। भारतीय पुरातात्विक विभाग को अभी तक खोदाई में विकसित शहर होने के सबूत मिले हैं।
महत्वपूर्ण खोज
- राखीगढ़ी में हड़प्पा कालीन सोने की फैक्ट्री मिली है। यह फैक्ट्री 5000 साल पुरानी है। खुदाई में समय-समय पर कई महत्वपूर्ण चीजें मिली हैं।
- इस बार विभाग को सील, सोना, मिट्टी की चूड़ियां व अन्य महत्वपूर्ण सामान मिला है। हालांकि सोना काफी कम मात्रा में पाया गया है।
- जो मुहर पाई गई है, उसमें हड़प्पा काल में प्रयोग की जाने वाली लिपि लिखी है।
- हिसार जिले के दो गांवों (राखी खास और राखी शाहपुर) के आसपास बिखरे हुए सात टीले (RGR 1- RGR 7) राखीगढ़ी पुरातात्विक स्थल का हिस्सा हैं। फिलहाल टीला नंबर एक, तीन और सात की खोदाई चल रही है।
- तीन टीलों की खोदाई में कुल 50 कंकाल मिल चुके हैं। खोदाई के दौरान टीला संख्या 7 से दो महिलाओं के नए कंकाल भी मिले हैं। इसमें एक महिला के कंकाल की कलाई में एक चुड़ी मिली है। इनके डीएनए जांच के लिए भेज दिये हैं, ताकि सही जानकारी प्राप्त हो सके।
- RGR 7 हड़प्पा काल का एक शवाधान स्थल है जब यह एक सुव्यवस्थित शहर था।
राखीगढ़ी स्थल के बारे में
- फरवरी 2020 में अपने बजट भाषण के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच पुरातात्विक स्थलों को “आइकोनिक स्थल” (archaeological sites as “iconic sites) के रूप में घोषित किया था। राखीगढ़ी इनमें से एक है। अन्य स्थलों में उत्तर प्रदेश में हस्तिनापुर, असम में शिवसागर, गुजरात में धोलावीरा और तमिलनाडु में आदिचनल्लूर हैं।
- ASI द्वारा पहली बार 1998-2001 में राखीगढ़ी साइट की खुदाई की गई थी। बाद में, डेक्कन कॉलेज, पुणे ने 2013 से 2016 तक साइट की खुदाई की।
- राखीगढ़ की साइट भारतीय उपमहाद्वीप में हड़प्पा सभ्यता के पांच ज्ञात सबसे बड़े शहरों में से एक है। अन्य चार पाकिस्तान में हड़प्पा, मोहनजोदड़ो और गनवेरीवाला और भारत में धोलावीरा (गुजरात) हैं।
- राखीगढ़ी स्थल हरियाणा के हिसार जिले की नारनौंद तहसील में घग्गर-हाकरा बेसिन (सरस्वती नदी की एक सहायक नदी, दृषद्वती नदी (Drishadvati River) के अब सूखे मार्ग की घाटी में) के केंद्र में स्थित है।
- इस स्थल की खुदाई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के श्री अमरेन्द्र नाथ ने की थी।
- पुरातात्विक उत्खनन से विकसित हड़प्पा चरण का पता चला है, जिसमें कच्ची मिट्टी की ईंट के साथ-साथ पक्की-ईंट के घरों में उचित जल निकासी व्यवस्था के साथ नियोजित टाउनशिप थी।
- मिट्टी की ईंट से बने पशु बलि गड्ढे और मिट्टी के फर्श पर त्रिकोणीय और गोलाकार अग्नि वेदिकाएं भी खोदे गए हैं जो हड़प्पावासियों की अनुष्ठान प्रणाली को दर्शाते हैं।
- एक बेलनाकार मुहर, जिसके एक ओर हड़प्पा वर्णमाला के पाँच अक्षर हैं और दूसरी ओर घड़ियाल का प्रतीक है, इस स्थल की एक महत्वपूर्ण खोज है।
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