विकास लिक्विड इंजन का सफलतापूर्वक प्रदर्शन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने विकास लिक्विड इंजन (Vikas liquid engine) को फिर से शुरू करने का एक प्रदर्शन सफलतापूर्वक महेंद्रगिरि में प्रोपल्सन कॉम्प्लेक्स में एक परीक्षण सुविधा पर पूरा किया है। अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार विकास इंजन इसरो के प्रक्षेपण यानों के लिक्विड चरणों को पावर प्रदान करने वाला मुख्य इंजन है। 17 जनवरी को हुआ यह परीक्षण स्टेज रिकवरी की तकनीकों के विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो भविष्य के प्रक्षेपण यानों में पुन: प्रयोग (reusability) की संभावना को बढ़ाएगा।

परीक्षण के बारे में मुख्य तथ्य:

  • विकास इंजन को शुरू में 60 सेकंड के लिए प्रज्वलित किया गया।
  • इसके बाद इंजन को 120 सेकंड के लिए ठंडा होने के लिए बंद कर दिया गया।
  • फिर इंजन को पुनः चालू किया गया और 7 सेकंड के लिए प्रज्वलित किया गया। 

विकास इंजन के बारे में:

  • विकास इंजन इसरो की लिक्विड प्रोपल्शन प्रणाली की रीढ़ है, जो प्रक्षेपण यानों के लिक्विड चरणों को पावर  प्रदान करता है।
  • यह स्टोरेबल प्रोपेलेंट्स पर कार्य करता है और इसमें पंप-चालित गैस जनरेटर चक्र का उपयोग होता है।
  • मानव रेटेड संस्करण (human-rated version) में निम्नलिखित विशेषताएं शामिल हैं:
    • संरचनात्मक मजबूती में सुधार।
    • एडवांस्ड  असेंबली प्रक्रियाएं।
    • बेहतर स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली, जो मानवयुक्त अभियानों में उच्च विश्वसनीयता सुनिश्चित करती है।
  • विकास इंजन का जुड़वां सेट (twin engines) LVM3 प्रक्षेपण यान (पूर्व में GSLV Mk III) के लिए महत्वपूर्ण है, जो इसरो का हेवी-लिफ्ट रॉकेट है। अप्रैल 2023 में, LVM3-G मानव रेटेड प्रक्षेपण यान के एयर-लिट लिक्विड कोर चरण में दो L110-G विकास इंजनों के क्लस्टर्ड कॉन्फ़िगरेशन का उपयोग किया गया था।
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