Bhargavastra-माइक्रो-मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण
भारत ने स्वदेशी ‘भार्गवास्त्र’ काउंटर-ड्रोन सिस्टम (Bhargavastra-counter-drone system) के तहत अपने पहले माइक्रो-मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण किया है, जिसे स्वार्म ड्रोन (सामूहिक ड्रोन हमले) के खतरों से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है। दो परीक्षण सफलतापूर्वक ओडिशा के गोपालपुर सीवर्ड फायरिंग रेंज (GSFR) में किए गए। यह माइक्रो-मिसाइल इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड द्वारा विकसित की गई है, जो सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड का हिस्सा है।
परीक्षणों का विवरण:
- पहला परीक्षण (12 जनवरी):
- एक स्थिर लक्ष्य (stationary target) पर किया गया।
- लक्ष्य 2,500 मीटर की दूरी और 400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित था।
- परीक्षण सफल रहा।
- दूसरा परीक्षण (13 जनवरी):
- यह एक चलती हुई इलेक्ट्रॉनिक लक्ष्य (moving electronic target) के खिलाफ किया गया।
- यह परीक्षण भी सफल रहा।
भार्गवास्त्र माइक्रो-मिसाइल सिस्टम की मुख्य विशेषताएं:
- स्वदेशी डिजाइन:
यह माइक्रो-मिसाइल पूरी तरह से भारत में डिजाइन और विकसित की गई है। - भार्गवास्त्र मल्टी-लेयर काउंटर-ड्रोन सिस्टम:
- इसे दुश्मन के UAVs (ड्रोन्स) को किफायती लागत पर नष्ट करने (hard kill) के लिए बनाया गया है।
- यह भारतीय सेना के लिए विकसित किया जा रहा है।
- कम लागत वाला समाधान: यह बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों का मुकाबला करने के लिए एक अनूठा, कम लागत वाला विकल्प प्रदान करता है।
- एक साथ मिसाइल फायरिंग क्षमता: सिस्टम एक साथ 64 माइक्रो-मिसाइल दागने में सक्षम है।
- मोबाइल प्लेटफॉर्म पर आधारित: इसे मोबाइल प्लेटफॉर्म पर लगाया जाएगा ताकि खतरे के क्षेत्र में तेजी से तैनात किया जा सके।
महत्व:
‘भार्गवास्त्र’ सिस्टम भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। स्वार्म ड्रोन हमलों का मुकाबला करने के लिए इसकी मल्टी-लेयर सुरक्षा प्रणाली न केवल प्रभावी है, बल्कि इसे भारतीय सेना के लिए एक किफायती और उन्नत समाधान भी माना जा रहा है।
यह प्रणाली भविष्य में भारतीय रक्षा बलों के लिए सामरिक बढ़त प्रदान करेगी और देश को ड्रोन-रोधी तकनीकों में आत्मनिर्भर बनाएगी।