राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के पांचवें चक्र की राष्ट्रीय रिपोर्ट
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, डॉ मनसुख मंडाविया ने 5 मई को राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey: NFHS-5) के पांचवें चक्र की राष्ट्रीय रिपोर्ट जारी की। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी (आरएचएस) का प्रकाशन वर्ष 1992 से प्रकाशित कर रहा है, जिसमें हर साल 31 मार्च को भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में उपलब्ध मानव संसाधन और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी शामिल है।
कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rates: TFR)
- कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rates: TFR) NFHS -4 और 5 के बीच राष्ट्रीय स्तर पर 2.2 से कम होकर 2.0 हो गई है। कुल प्रजनन दर से तात्पर्य है प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या।
- भारत में केवल पांच राज्य हैं, जो प्रजनन क्षमता के प्रतिस्थापन स्तर (replacement level of fertility) 2.1 से ऊपर हैं। ये हैं बिहार (2.98), मेघालय (2.91), उत्तर प्रदेश (2.35), झारखंड (2.26) मणिपुर (2.17)।
- कुल प्रजनन दर के मामले में “प्रतिस्थापन स्तर” से तात्पर्य है प्रति महिला पैदा हुए बच्चों की औसत संख्या – जिस पर एक आबादी बिना माइग्रेशन के एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में बिल्कुल बदल जाती है। यह स्थिर जनसँख्या का संकेतक है।
एंटी-नेटल केयर (ANC)
- पहली तिमाही में एंटी-नेटल केयर (प्रसव पूर्व देखभाल) वाली गर्भवती महिलाओं का अनुपात एनएफएचएस-4 और एनएफएचएस-5 के बीच 59 से बढ़कर 70 प्रतिशत हो गया।
समग्र गर्भनिरोधक प्रसार दर (Contraceptive Prevalence Rate: CPR)
- समग्र गर्भनिरोधक प्रसार दर (Contraceptive Prevalence Rate: CPR) देश में 54% से बढ़कर 67% हो गई है। लगभग सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में गर्भ निरोधकों के आधुनिक तरीकों का उपयोग भी बढ़ा है।
- परिवार नियोजन की पूरी नहीं हुई जरूरतें 13 फीसदी से घटकर 9 फीसदी रह गई हैं।
संस्थागत जन्म (Institutional Births)
- भारत में संस्थागत जन्म (Institutional Births) 79 प्रतिशत से बढ़कर 89 प्रतिशत हो गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगभग 87 प्रतिशत जन्म संस्थानों में दिया जाता है और शहरी क्षेत्रों में यह 94 प्रतिशत है।
बच्चों का टीकाकरण
- NFHS-5 में, NFHS-4 के 62 प्रतिशत की तुलना में 12-23 महीने की उम्र के तीन-चौथाई (77%) से अधिक बच्चों का पूरी तरह से टीकाकरण किया गया था।
- बच्चों में पूर्ण टीकाकरण कवरेज नागालैंड में 57 प्रतिशत से लेकर दादर नागर हवेली और दमन-दीव में 95 प्रतिशत तक है। ओडिशा (91%), तमिलनाडु (89%), और पश्चिम बंगाल (88%) ने भी अपेक्षाकृत अधिक टीकाकरण कवरेज दिखाया है।
5 साल से कम उम्र के बच्चों में स्टंटिंग
- 5 साल से कम उम्र के बच्चों में स्टंटिंग (उम्र के हिसाब से कम कद) का स्तर पिछले चार वर्षों से भारत में 38 से मामूली रूप से कम होकर 36 प्रतिशत हो गया है।
- 2019-21 में शहरी क्षेत्रों (30%) की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों (37%) में बच्चों में स्टंटिंग अधिक है।
- स्टंटिंग में भिन्नता पुडुचेरी में सबसे कम (20%) और मेघालय में सबसे ज्यादा (47%) है।
महिलाओं के पास बैंक या बचत खाता
- महिलाओं के पास बैंक या बचत खाता होने का औसत पिछले 4 वर्षों में 53 से बढ़कर 79 प्रतिशत हो गया है।
- NFHS-4 और NFHS-5 के बीच स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन (44% से 59%) और बेहतर स्वच्छता सुविधाओं (49% से 70%) का उपयोग में भी बढ़ोतरी है।
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