फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल का निधन

प्रसिद्ध फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल का 23 दिसंबर को मुंबई में 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने 18 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, एक नंदी पुरस्कार, दादा साहब फाल्के पुरस्कार, पद्म श्री और पद्म भूषण जीते।

हैदराबाद में फोटोग्राफी की एक प्रसिद्ध हस्ती श्रीधर बी. बेनेगल के घर जन्मे श्याम बेनेगल प्रसिद्ध फिल्म निर्माता गुरु दत्त के दूसरे चचेरे भाई थे।

साल 1962 में अपना पहला डॉक्यूमेंट्री फिल्म “घेर बैठा गंगा” (गंगा दरवाजे पर) गुजराती में बनाई. उनकी शुरुआती फीचर फिल्में- अंकुर (1973), निशांत (1975), मंथन (1976) और भूमिका (1977)- ने उन्हें भारत में न्यू वेव सिनेमा आंदोलन के अग्रणी के रूप में स्थापित किया।

1980 से 1986 तक, बेनेगल ने राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC) के निदेशक के रूप में कार्य किया, जहाँ उन्होंने स्वतंत्र भारतीय सिनेमा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

उनकी 1983 की फिल्म मंडी, जिसमें शबाना आज़मी और स्मिता पाटिल ने राजनीति और वेश्यावृत्ति पर व्यंग्य किया था, एक क्लासिक फिल्म है।

उनकी टेलीविजन पर प्रतिष्ठित सीरीज “भारत एक खोज” ने भारत के इतिहास को दर्शाया और एक सांस्कृतिक मील का पत्थर बन गई।

फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल को 1976 में पद्मश्री और 1991 में पद्मभूषण से नवाजा गया। 8 अगस्त 2007 को उन्हें भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान, दादासाहेब फालके अवार्ड (वर्ष 2005) दिया गया। 

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