ट्रेड रिसीवेबल्स ई-डिस्काउंटिंग सिस्टम (TrEDs)

देश की ट्रेड रिसीवेबल्स ई-डिस्काउंटिंग सिस्टम (TrEDs) प्लेटफ़ॉर्म अगले कुछ वर्षों में दस लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को शामिल करने की योजना बना रही है।

TReDS भारत में ऋण प्राप्त करने में कठिनाई महसूस कर रहे छोटे व्यवसायों को पूंजी प्राप्ति में मदद करता है।

TReDS को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा वित्त और कार्यशील पूंजी प्राप्त करने में MSMEs के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए शुरू किया गया था।

वर्तमान में भारत में तीन TReDS प्लेटफॉर्म चालू हैं। रिसीवेबल्स एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (RXIL), M1xchange और Invoicemart।

ये तीनों प्लेटफॉर्म RBI के यहां पंजीकृत हैं।

TReDS बड़े कॉरपोरेट्स को क्रेडिट (उधार) पर वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति करने वाले MSMEs को  उनके इनवॉइस/ बिलों के आधार पर, प्रतिस्पर्धी शर्तों पर और बिना कोई कोलेटेरल यानी बिना कुछ गिरवी रखे बैंकों से ऑक्शन के माध्यम से कम ब्याज दर पर डिजिटल रूप में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने में मदद करता है। इससे MSME को तुरंत नकदी प्राप्त हो जाती है।

error: Content is protected !!