भारत के पहले बायो-बिटुमेन राष्ट्रीय राजमार्ग का उद्घाटन

केंद्रीय परिवहन मंत्री ने नागपुर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के नागपुर-मानसर बाईपास परियोजना में बायो-बिटुमेन सामग्री का उपयोग करके निर्मित भारत के पहले राष्ट्रीय राजमार्ग (India’s First National Highway constructed using Bio- Bitumen) का उद्घाटन किया।

इस पर्यावरण अनुकूल सड़क निर्माण से सड़क निर्माण की लागत कम होगी, रोजगार पैदा होगा और पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगेगा।

यह देश का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग है जो फसल अवशेषों-लिग्निन (lignin) से बने बिटुमेन का उपयोग करके बनाया गया है।

बायो-बिटुमेन से बनी यह सड़क पारंपरिक अस्फाल्ट से बने सड़क से 40 प्रतिशत अधिक मजबूत है और एस्फाल्ट में 15 प्रतिशत बायो-बिटुमेन मिलाकर नागपुर-मानसर राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना में 1 किलोमीटर लंबा खंड बनाया गया है। ट्रायल पैच ‘कैम्पटी 22 किमी’ के पास शुरू होता है।

यह लकड़ी का मुख्य घटक है। यह पृथ्वी पर सबसे प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले आर्गेनिक पदार्थ के रूप में सेल्यूलोज के बाद दूसरे स्थान पर है, हालांकि ईंधन के अलावा इसके अपेक्षाकृत कम औद्योगिक उपयोग पाए गए हैं।

फसल के ठूंठ से इथेनॉल बनाने के साथ-साथ कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) से बाय प्रोडक्ट के रूप में लिग्निन उत्पन्न होता है।

लिग्निन का उपयोग बायो-बिटुमेन बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में किया जा सकता है। फिर बायो-बिटुमेन को पारंपरिक बिटुमेन में मिलाया जाता है।

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