शैतान 2 मिसाइल

रूस चुनौतियों और असफल परीक्षणों के बावजूद अपनी RS-28 सरमत अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल, जिसे “शैतान 2” (Satan 2) के रूप में भी जाना जाता है, को तैनात करने की योजना बना रहा है।

रूस के परमाणु शस्त्रागार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, इस मिसाइल ने अपनी विनाशकारी क्षमता के लिए वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है।

RS-28 सरमत अगली पीढ़ी की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है जिसे सोवियत युग के R-36 ICBM को बदलने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसे आमतौर पर NATO द्वारा “शैतान” के रूप में संदर्भित किया जाता है।

“शैतान 2” के नाम से मशहूर सरमत रूस के साइलो-आधारित रणनीतिक निवारक की रीढ़ बनने के लिए तैयार है और इसे वैश्विक स्तर पर सबसे शक्तिशाली परमाणु हथियारों में से एक माना जाता है।

सरमत मिसाइल 15 परमाणु हथियार ले जा सकती है, जिन्हें मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स (MIRV) के रूप में व्यवस्थित किया गया है, जिससे यह एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला कर सकती है।

116 फीट लंबी और 220 टन वजनी इस मिसाइल की रेंज 6,200 से 11,180 मील है, जिससे यह अमेरिका या यूरोप के क्षेत्रों को निशाना बना सकती है।

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