हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM)

राजमार्ग डेवलपर सीगल इंडिया लिमिटेड 540 मिलियन डॉलर के वेंचर वैल्यू वाले सौदे में हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (hybrid annuity model: HAM) के तहत अपनी पांच सड़क परियोजनाओं को बेचने की योजना बना रहा है। पांच में से दो पर काम शुरू हो गया है।

हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) को सरकार और निजी क्षेत्र के बीच प्रोत्साहन और वित्तीय जोखिम साझा करके राजमार्ग परियोजनाओं में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन (EPC) तथा  बिल्ड, ऑपरेट, ट्रांसफर (बीओटी) को जोड़ता है।

इस संयोजन का 40% ईपीसी मॉडल है, जबकि शेष 60% बीओटी-एन्युटी  मॉडल है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के अनुसार रियायतदाताओं (concessionaire) को समग्र परियोजना व्यय का 40% भुगतान करता है। इस भुगतान की रिहाई दस बराबर किस्तों में विभाजित है, प्रत्येक किश्त का भुगतान विशिष्ट परियोजना उद्देश्यों की सफल उपलब्धि पर निर्भर है।

सड़क डेवलपर (रियायतदाता) शेष साठ प्रतिशत फंड (इक्विटी और ऋण) की व्यवस्था करने के लिए जिम्मेदार है। परियोजना लागत का एक हिस्सा, लगभग 20 से 25 प्रतिशत, डेवलपर द्वारा वित्तपोषित किया जाता है।

टोल संग्रह की जिम्मेदारी प्राधिकरण (NHAI) के पास रहता है।

यातायात जोखिम परियोजना एक्सेक्यूटिंग  एजेंसी/नियोक्ता द्वारा उठाया जाता है।

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