सिस्टेमिकली इम्पोर्टेंट बैंक (D-SIBs) 2024

भारतीय स्टेट बैंक, HDFC बैंक और ICICI बैंक को  2024 की “घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंक (Domestic Systemically Important Banks : D-SIBs)” की सूची में शामिल किया गया है। इन्हें D-SIBs की 2023 की सूची के समान बकेटिंग श्रेणियों के तहत नामित किया गया है।

डोमेटस्टिक सिस्टेमिकली इम्पोर्टेंट बैंक (D-SIBs) को ऐसे बैंकों के रूप में माना जाता है जो ‘टू बिग टू फेल ‘ हैं और वास्तविक अर्थव्यवस्था के संचालन के लिए आवश्यक बैंकिंग सेवाओं की निर्बाध उपलब्धता के लिए उनका निरंतर कामकाज करना महत्वपूर्ण है।

RBI द्वारा जारी लिस्ट के अनुसार SBI बकेट 4 में है। RBI ने HDFC बैंक को बकेट 3 और ICICI बैंक को बकेट 1 में रखा है।भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के लिए जोखिम भारित परिसंपत्तियों (RWAs) के प्रतिशत के रूप में अतिरिक्त कॉमन इक्विटी टियर 1 (CET-1) की आवश्यकता 0.80% तय की गई है, यह HDFC बैंक के लिए 0.40% और ICICI बैंक के लिए 0.20% है।

SBI और HDFC बैंक के लिए उच्च D-SIB अधिभार 01 अप्रैल, 2025 से लागू होगा। रिज़र्व बैंक ने 22 जुलाई, 2014 को घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (D-SIBs) के लिए रूपरेखा जारी की थी, जिसे बाद में 28 दिसंबर, 2023 को अपडेट किया गया था।

रिज़र्व बैंक को 2015 से D-SIBs के रूप में नामित बैंकों के नामों को जारी करने और इन बैंकों को उनके सिस्टमिक इम्पोर्टेंस स्कोर्स  (SISs) के आधार पर उचित श्रेणियों में रखने की आवश्यकता होती है।  

भारत में शाखा वाले ग्‍लोबल सिस्‍टेमैटिकली इम्‍पॉर्टेंट बैंक्‍स (G-SIB) को एडिशनल CET 1 रखना जरूरी है।
वित्तीय स्थिरता बोर्ड (FSB) ने बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बेसल समिति (BCBS) और राष्ट्रीय अधिकारियों के परामर्श से ग्‍लोबल सिस्‍टेमैटिकली इम्‍पॉर्टेंट बैंक्‍स (G-SIB) की 2023 की सूची की पहचान की है।

G-SIB में JP मॉर्गन चेज, बैंक ऑफ अमेरिका, सिटीग्रुप, HSBC, एग्रीकल्चरल बैंक ऑफ चाइना, बैंक ऑफ चाइना, बार्कलेज और BNP परिबास शामिल हैं।

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