राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT)

सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) के उस फैसले को पलट दिया, जिसने एक अनुमोदित समाधान योजना के तहत जेट एयरवेज के स्वामित्व को जालान-कलरॉक कंसोर्टियम (JKC) को हस्तांतरित करने का समर्थन किया था। यह फैसला भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और अन्य लेनदारों की अपील के बाद आया है।

बता दें कि राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) का गठन 1 जून, 2016 से राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) के आदेशों के खिलाफ अपील की सुनवाई के लिए कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 410 के तहत किया गया था।

NCLAT 1 दिसंबर, 2016 से इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड, 2016 (IBC) की धारा 61 के तहत NCLT द्वारा पारित आदेशों के खिलाफ अपील की सुनवाई के लिए भी अपीलीय न्यायाधिकरण है।

NCLAT आईबीसी की धारा 202 और धारा 211 के तहत इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी बोर्ड द्वारा पारित आदेशों के खिलाफ अपील की सुनवाई के लिए भी अपीलीय न्यायाधिकरण है।

NCLAT  भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा जारी किसी निर्देश या निर्णय या पारित आदेश के खिलाफ अपील सुनने और निपटाने के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण भी है।

NCLAT  राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण के आदेशों के खिलाफ अपील सुनने और निपटाने के लिए भी अपीलीय न्यायाधिकरण है।

कानून के किसी प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय में राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT ) के खिलाफ अपील दायर की जा सकती है। NCLAT  का आदेश प्राप्त होने के 45 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की जानी चाहिए।

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