इंटरनेट के भविष्य के लिए घोषणा
अमेरिकी व्हाइट हाउस ने 28 अप्रैल, 2022 को ‘इंटरनेट के भविष्य के लिए घोषणा’ (Declaration for the Future of the Internet) जारी की। 60 देशों ने इस घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किये हैं, इनमें भारत शामिल नहीं है।
- यह घोषणा “इंटरनेट और डिजिटल प्रौद्योगिकियों के लिए सकारात्मक दृष्टि” को आगे बढ़ाने के लिए भागीदारों के बीच एक राजनीतिक प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है।
- जिन देशों ने घोषणा पर हस्ताक्षर किए हैं उनमें अमेरिका, यूरोपीय संघ, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और फ्रांस शामिल हैं। भारत, चीन और रूस उन बड़े देशों में शामिल हैं जो इस घोषणा का हिस्सा नहीं हैं।
घोषणा के सिद्धांतों में शामिल हैं:
- सभी लोगों के मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा करने की प्रतिबद्धता ,
- एक वैश्विक इंटरनेट को बढ़ावा देना जो सूचना के मुक्त प्रवाह को आगे बढ़ाता हो,
- “समावेशी और किफायती” कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाना,
- वैश्विक डिजिटल इकोसिस्टम में विश्वास को बढ़ावा देना, जिसमें प्राइवेसी की सुरक्षा,
- इंटरनेट शासन के लिए बहु-हितधारक दृष्टिकोण की रक्षा करना और उसे मजबूत करना जो सभी के लाभ के लिए इंटरनेट को बनाये रखे।
इंटरनेट शटडाउन
- डिजिटल अधिकार वकालत समूह एक्सेस नाउ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2021 में लगातार चौथे वर्ष इंटरनेट शटडाउन लगाने वाला शीर्ष देश था।
- वर्ष 2021 में वैश्विक स्तर पर कुल 182 इंटरनेट शटडाउन किए गए। भारत में 106 शटडाउन में से 85 जम्मू और कश्मीर में दर्ज किए गए।
- वर्ष 2021 में इंटरनेट बंद करने वाले देशों की संख्या 2020 के 29 से बढ़कर 34 हो गई है।
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