ग्रीनवाशिंग दिशानिर्देश
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने ग्रीनवाशिंग और भ्रामक पर्यावरणीय दावों की समस्या से निपटने के लिए ग्रीनवाशिंग और भ्रामक पर्यावरणीय दावों की रोकथाम और विनियमन (Prevention and Regulation of Greenwashing and Misleading Environmental Claims) के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
ये दिशानिर्देश ईमानदारी गतिविधियों को बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं जहां पर्यावरण संरक्षण के दावे सत्य और सार्थक, दोनों होते हैं।
इस प्रकार ये उपभोक्ताओं के विश्वास बढ़ाते हैं और संधारणीय व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करते हैं।
“ग्रीनवाशिंग” (Greenwashing)
“ग्रीनवाशिंग” (Greenwashing) एक ऐसा टर्म है जो ‘व्हाइटवाशिंग’ टर्म पर आधारित है।
ग्रीनवाशिंग वास्तव में उस मार्केटिंग रणनीति को कहा जाता है जिसमें कंपनियां अपने उत्पादों या सेवाओं के पर्यावरण-अनुकूल होने के बारे में झूठा दावा करती हैं या बढ़ा-चढ़ाकर बताती के उनके उत्पाद पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हैं।
वे अपने उत्पादों या सेवाओं पर अक्सर अस्पष्ट या निराधार शब्दों जैसे “प्राकृतिक”, “पर्यावरण-अनुकूल” या “हरित” का उपयोग करती हैं। वास्तव में उनके उत्पाद पर्यावरण को हानि पहुंचा रही होती है।