रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार 2024

2024 का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार डेविड बेकर को कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिज़ाइन पर उनके काम के लिए तथा डेमिस हसबिस और जॉन जम्पर को प्रोटीन की संरचना का पूर्वानुमान करने हेतु तकनीक विकसित करने के लिए संयुक्त रूप से दिया गया। 2024 का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार  प्रोटीन अनुसंधान के क्षेत्र में दो क्षेत्रों से संबंधित है: डिज़ाइन और संरचना।

बता दें कि प्रोटीन में आम तौर पर 20 अलग-अलग अमीनो एसिड होते हैं, जिन्हें जीवन के निर्माण खंडों के रूप में वर्णित किया जा सकता है।

2003 में, डेविड बेकर इन ब्लॉकों का उपयोग करके एक नया प्रोटीन डिज़ाइन करने में सफल रहे जो किसी भी अन्य प्रोटीन से अलग था। तब से, उनके शोध ने एक के बाद एक कई कल्पनाशील प्रोटीन निर्माण का उत्पादन किया है, जिसमें फार्मास्यूटिकल्स, टीके, नैनोमटेरियल और छोटे सेंसर में उपयोग के रूप में किया जा सकता है। दूसरी खोज प्रोटीन संरचनाओं की भविष्यवाणी से संबंधित है।

प्रोटीन में, अमीनो एसिड लंबे स्ट्रिंग्स में एक साथ जुड़े होते हैं जो एक त्रि-आयामी संरचना बनाने के लिए मुड़ते हैं, जो प्रोटीन के कार्य के लिए निर्णायक होता है। 1970 के दशक से, शोधकर्ताओं ने अमीनो एसिड सीक्वेंस से प्रोटीन संरचनाओं की भविष्यवाणी करने की कोशिश की थी, लेकिन यह बेहद मुश्किल था।

हालांकि, चार साल पहले, एक आश्चर्यजनक सफलता मिली। 2020 में, डेमिस हसाबिस और जॉन जम्पर ने अल्फाफोल्ड2 (AlphaFold2) नामक एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल प्रस्तुत किया।

इसकी मदद से, वे लगभग सभी 200 मिलियन प्रोटीनों की संरचना की भविष्यवाणी करने में सक्षम हैं। उनकी सफलता के बाद से, अल्फाफोल्ड2 का उपयोग 190 देशों के दो मिलियन से अधिक लोगों द्वारा किया गया है।

बता दें कि अल्फाफोल्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  कार्यक्रम है जिसे अल्फाबेट की सहायक कंपनी डीपमाइंड ने विकसित किया है, जो प्रोटीन संरचना की भविष्यवाणियां करता है।

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