पहली बार भारतीय क्षेत्र के पुराने लिपुलेख दर्रे से पवित्र कैलाश शिखर का दर्शन

तीर्थयात्रियों ने 3 अक्टूबर, 2024 को पहली बार भारतीय क्षेत्र के अंदर पुराने लिपुलेख दर्रे (Old Lipulekh pass) से पवित्र कैलाश शिखर का दर्शन किया। पवित्र कैलाश शिखर को भगवान शिव का निवास माना जाता है।

पुराना लिपुलेख दर्रा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की व्यास घाटी (Vyas valley ) में स्थित है और इसका अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इससे पहले, तीर्थयात्रियों को  पवित्र कैलाश शिखर के दर्शन के लिए तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र की यात्रा करनी पड़ती थी।

भारतीय क्षेत्र के अंदर से कैलाश शिखर को देखने वाला तीर्थयात्रियों का यह पहला जत्था है।

माउंट कैलाश हिमालय पर्वत में तिब्बत के सुदूर दक्षिण-पश्चिम कोने में स्थित है। माउंट कैलाश को सबसे पवित्र पर्वतों में से एक माना जाता है और यह बौद्ध, जैन, हिंदू और तिब्बती धर्म बोन  के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल बन गया है।

हिंदू मान्यताओं  के अनुसार, विनाश और पुनर्जन्म के देवता शिव, कैलाश नामक इस प्रसिद्ध पर्वत के शिखर पर निवास करते हैं।

तिब्बती बौद्धों का मानना ​​है कि कैलाश बुद्ध डेमचोक का घर है जो सर्वोच्च सद्भाव का प्रतीक है।

जैन धर्म में, कैलाश को माउंट अष्टपद के रूप में जाना जाता है और यह वह स्थान है जहां उनके धर्म के संस्थापक, ऋषभदेव ने पुनर्जन्म से मुक्ति प्राप्त की थी।

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