UK ने चागोस द्वीप समूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने की घोषणा की
यूनाइटेड किंगडम (UK) ने हिंद महासागर में स्थित चागोस द्वीप समूह (Chagos Islands) की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने पर सहमति व्यक्त की है। इस सौदे की घोषणा यूके और मॉरीशस ने 3 अक्टूबर, 2024 को संयुक्त रूप से की थी।
मुख्य बिंदु
इस समझौते ने यूनाइटेड किंगडम की अंतिम अफ्रीकी कॉलोनी पर लंबे समय से चल रहे विवाद को समाप्त कर दिया है। बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने फैसला सुनाया था कि ब्रिटेन ने मॉरीशस की स्वतंत्रता देने से पहले चागोस द्वीपसमूह को उससे अवैध रूप से अलग कर दिया था।
2019 और 2021 में, ICJ, संयुक्त राष्ट्र महासभा और समुद्री कानून के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण (इटलोस) ने मॉरीशस के संप्रभुता के दावे का समर्थन किया था।
समझौते के अनुसार, यूके मॉरीशस को वार्षिक भुगतान और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश सहित वित्तीय सहायता का एक पैकेज प्रदान करेगा।
मॉरीशस चागोस द्वीप समूह पर पुनर्वास का कार्यक्रम भी शुरू कर सकेगा।
हालांकि संधि के तहत यूनाइटेड किंगडम ने डिएगो गार्सिया के यूके-यूएस सैन्य अड्डे पर अपना नियंत्रण बनाए रखने की घोषणा की है। इसका मतलब है कि डिएगो गार्सिया, जो चागोस द्वीप समूह का हिस्सा है, पर यूके-यूएस का नियंत्रण बना रहेगा।
अतीत में, यूके ने सैन्य उद्देश्यों के लिए द्वीप को अमेरिका को पट्टे पर देने के लिए 1,500 से 2,000 द्वीपवासियों को निष्कासित कर दिया था। यूके और अमेरिका, दोनों देश संयुक्त रूप से अड्डे का संचालन करते हैं।
यह संधि डिएगो गार्सिया को छोड़कर चागोस द्वीपसमूह के सभी द्वीपों पर लौटने का अधिकार भी देती है।
डिएगो गार्सिया में, यूके 99 वर्षों की “प्रारंभिक अवधि” के लिए सैन्य अड्डे का संचालन सुनिश्चित करेगा।