उत्तराखंड में पहली बार हनी बेजर को कैमरे में कैद किया गया

उत्तराखंड के तराई पूर्वी वन प्रभाग (TEFD) में पहली बार हनी बेजर/honey badger (मेलिवोरा कैपेंसिस), जिसे रैटल के नाम से भी जाना जाता है, को कैमरे में कैद किया गया है। इसकी तस्वीर 7 जनवरी, 2024 को वन प्रभाग के सुरई रेंज में बाघा I बीट में शारदा नदी नहर के पास ली गई थी।

इस क्षेत्र में इस दुर्लभ प्रजाति की खोज के बारे में एक रिपोर्ट 26 सितंबर, 2024 को जर्नल ऑफ थ्रेटर्ड टैक्सा में प्रकाशित हुई है।

हनी बेजर (honey badger) सर्वाहारी स्तनधारी हैं। वे नेवला फैमिली (weasel family) से संबंधित हैं।

ये निशाचर जीव हैं। उनके पास शक्तिशाली, घुमावदार पंजा होता है, जिनका उपयोग वे आश्रय के लिए बिल खोदने के लिए करते हैं। उनका आहार विविध है, जिसमें छोटे जानवर, फल और शहद शामिल हैं।

हनी बेजर को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची I के तहत संरक्षित किया गया है, जो इसे भारत में कानूनी सुरक्षा का उच्चतम स्तर प्रदान करता है। इसे IUCN रेड लिस्ट में “लीस्ट कंसर्न” श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है।

तराई पूर्वी वन प्रभाग तराई आर्क लैंडस्केप (Terai Arc Landscape) का हिस्सा है, जो बाघों, हाथियों और तेंदुओं सहित कई प्रजातियों का पर्यावास है।

तराई आर्क लैंडस्केप (TAL) पश्चिम में यमुना नदी और पूर्व में बागमती नदी के बीच 810 किमी का क्षेत्र है, जिसमें शिवालिक पहाड़ियाँ, आस-पास के भाभर क्षेत्र और तराई बाढ़ के मैदान शामिल हैं।

यह भारत के उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों तथा नेपाल की निचली पहाड़ियों में फैला हुआ है।

इस लैंडस्केप में भारत के कुछ सबसे प्रसिद्ध टाइगर रिजर्व्स और संरक्षित क्षेत्र जैसे कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, राजाजी नेशनल पार्क, दुधवा टाइगर रिजर्व, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व तथा नेपाल का बर्दिया वन्यजीव अभयारण्य, चितवन नेशनल पार्क और सुखला फांटा वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं।

कुल मिलाकर, इस भूभाग में 13 संरक्षित क्षेत्र हैं, जिनमें से नौ भारत में और चार नेपाल में हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 49,500 वर्ग किमी है, जिसमें से 30,000 वर्ग किमी भारत में स्थित है।

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