स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल

चीन में संक्रामक रोग प्रयोगशाला द्वारा किए गए एक विस्तृत 14-वर्षीय अध्ययन के अनुसार, वीकेंड में लंबे समय तक सोने से पूरे सप्ताह के दौरान नींद की कमी से आपके शरीर को हुए नुकसान की भरपाई हो सकती है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को सबसे अधिक ‘कैच-अप’ नींद मिली, उनमें नींद से वंचित रहने वालों की तुलना में दिल के दौरे और स्ट्रोक के खतरे विकसित होने का 20 प्रतिशत कम जोखिम पाया गया।

नींद (Sleep) वह समय है जब आपका शरीर आराम करता है और खुद को रिपेयर करता है। सोते समय एक व्यक्ति की हृदय गति और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है क्योंकि उसकी सांस स्थिर और नियमित हो जाती है।

इसके अलावा, आप जितना कम सोते हैं, उतना ही अधिक समय तक आपका स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल (hormone cortisol) सक्रिय रहता है।

कोर्टिसोल को शरीर का स्ट्रेस हार्मोन कहा जाता है क्योंकि यह तब निकलता है जब आप तनाव में होते हैं।

हालांकि अत्यधिक कोर्टिसोल स्राव इंफ्लमैशन का कारण भी बन सकता है, क्योंकि अधिक रसायन का स्राव कर सकता है जो प्लेटलेट एकत्रीकरण और ब्लड क्लॉटिंग को ट्रिगर करता है। यह बदले में हृदय वाहिकाओं में थक्का बनने का कारण बन सकता है। यह ब्लड ग्लूकोस के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करने वाले हार्मोन के उत्पादन को भी प्रभावित कर सकता है। इससे इंसुलिन प्रतिरोध और अन्य हृदय संबंधी रिस्क हो सकते हैं।

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