तिरुपति लड्डू प्रसादम-S-वैल्यू

हाल ही में, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि तिरुमाला के प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में जीआई टैग वाले लड्डू प्रसादम (laddu prasadam at Tirumala) को तैयार करने के लिए एनिमल फैट यानी जानवरों की चर्बी (बीफ टैलो) का उपयोग किया गया था।

बता दें कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) तिरुमाला में प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करता है। TTD के कार्यकारी अधिकारी ने भी बाद में दावा किया कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) में प्रयोगशाला परीक्षणों से एनिमल फैट, ‘लार्ड’ (सुअर की चर्बी) और अन्य मिलावटों की उपस्थिति का पता चला था और बोर्ड ‘मिलावटी’ घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करेगी ताकि आगे से उससे घी नहीं लिया।

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आपूर्तिकर्ताओं ने तिरुमाला में उनका खुद का लैब है होने का फायदा उठाया, जिन्होंने ₹320 और ₹411 के बीच घी की आपूर्ति की और इस प्राइस बैंड को गाय के शुद्ध घी की आपूर्ति करना संभव नहीं है जब तक कि उसमे मिलावट न हो।

एनडीडीबी की रिपोर्ट के अनुसार, घी के सैंपल का S–वैल्यू एनालिसिस मानक सीमाओं से ऊपर था, जिससे सोयाबीन, सूरजमुखी, पाम कर्नेल वसा या यहां तक ​​कि लार्ड और बीफ टैलो जैसे किसी अन्य जानवरों के फैट की उपस्थिति का संकेत मिलता है।

शुद्ध दूध फैट के लिए स्वीकार्य S-वैल्यू रेंज 98.05 और 104.32 के बीच है, लेकिन परीक्षण किए गए सैंपल ने 19.72 से 117.42 तक के मान दिखाए, जो महत्वपूर्ण विचलन को दर्शाता है।

गौरतलब है कि S-वैल्यू एक गणितीय समीकरण है जिसका उपयोग मिल्क फैट की शुद्धता निर्धारित करने के लिए किया जाता है।

WHO के अनुसार, गाय के दूध के सॉलिड कंटेंट में वसा यानी फैट (चर्बी) लगभग 3 से 4 प्रतिशत, प्रोटीन लगभग 3.5 प्रतिशत और लैक्टोज 5 प्रतिशत होता है। हालांकि गाय की अलग-अलग नस्लों में इन कंटेंट्स की मात्रा भी अलग-अलग होती है। उदाहरण के लिए, B. टॉरस मवेशियों की तुलना में बोस इंडिकस में वसा की मात्रा आमतौर पर अधिक होती है। B. इंडिकस मवेशियों के दूध में वसा की मात्रा 5.5 प्रतिशत तक हो सकती है।

भैंस के दूध में फैट की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो औसतन गाय के दूध से दोगुनी होती है।

ऊंटनी के दूध में फैट या अन्य कंटेंट गाय के दूध के समान होती है, लेकिन ऊंटनी का दूध थोड़ा नमकीन होता है। ऊंटनी के दूध में गाय के दूध की तुलना में विटामिन C अधिक होता है और यह शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए इस विटामिन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो अक्सर फलों और सब्जियों से विटामिन C प्राप्त नहीं कर पाते हैं।

भेड़ के दूध में बकरी और गाय के दूध की तुलना में अधिक फैट और प्रोटीन होता है; केवल भैंस और याक के दूध भेड़ के दूध से अधिक वसा होती है।

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