सबक्लिनिकल टीबी (subclinical TB)

क्षय रोग (TB) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस (एम. ट्यूबरकुलोसिस) नामक जीवाणु के कारण होता है। टीबी बैक्टीरिया आमतौर पर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन टीबी बैक्टीरिया शरीर के किसी भी हिस्से जैसे किडनी, रीढ़ और मस्तिष्क पर हमला कर सकता है। अगर ठीक से इलाज न किया जाए तो टीबी रोग जानलेवा हो सकता है।

लोगों को क्षय रोग (टीबी) रोग हो सकता है और फिर भी टीबी से जुड़े किसी भी विशिष्ट लक्षण जैसे खांसी को प्रदर्शित नहीं कर सकते हैं। इसे सबक्लिनिकल टीबी (subclinical TB) कहा जाता है।

राष्ट्रीय टीबी प्रसार सर्वेक्षण (2019-2021) में पाया गया कि पता लगाए गए टीबी के 42.6% मामले सब-क्लिनिकल थे और अगर छाती का एक्स-रे शामिल नहीं किया जाता तो ये मामले छूट जाते।

हाल ही में, तमिलनाडु टीबी प्रसार सर्वेक्षण में 39% सब-क्लिनिकल टीबी मामले पाए गए।  टीबी के अधिक मामले वाले एशिया और अफ्रीका के देशों में किए गए टीबी प्रसार सर्वेक्षणों में सब-क्लिनिकल टीबी का पर्याप्त अनुपात पाया गया है, जिसका औसत लगभग 50% है।  

लेटेंट टीबी (latent TB) वाले लोगों में कोई लक्षण नहीं होते हैं और वे टीबी नहीं फैला सकते हैं।

माइलरी टीबी (Miliary TB) एक दुर्लभ लेकिन संक्रामक और जानलेवा संक्रमण है।  

माइलरी टीबी  घातक बीमारी है, जो फेफड़ों और अन्य अंगों में फैले हेमेटोजेनस ट्यूबरकल बेसिली से उत्पन्न होती है।

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