केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री जी-वन योजना के विस्तार को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री जी-वन योजना (Pradhan Mantri JI-VAN Yojana) के विस्तार को मंजूरी दी है। यह देश के एडवांस्ड जैव ईंधन (बायो-फ्यूल) क्षेत्र को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से एक प्रमुख पहल है।

संशोधित योजना को कार्यान्वयन की अवधि से पाँच साल तक बढ़ा दी गई है। यह अब 2028-29 तक चलेगी, और कृषि अवशेषों, वन  अपशिष्ट, औद्योगिक उप-उत्पादों और शैवाल जैसे लिग्नोसेल्यूलोसिक फीडस्टॉक्स (lignocellulosic feedstocks) से उत्पादित जैव ईंधन को शामिल करने के लिए इसके दायरे को व्यापक बनाती है।

अपडेटेड प्रधानमंत्री जी-वन योजना में अब “बोल्ट-ऑन” और “ब्राउनफील्ड” परियोजनाएँ शामिल हैं, जो पहले की फैसिलिटी यानि केंद्रों को उनके संचालन को अनुकूलित और बेहतर बनाने की अनुमति देती हैं।

नवीन तकनीकों और नए फीडस्टॉक्स पर जोर दिया जाएगा। बता दें कि इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के तहत, सरकार का लक्ष्य 2025-26 इथेनॉल आपूर्ति वर्ष के अंत तक पेट्रोल के साथ 20% इथेनॉल मिश्रित करने का लक्ष्य प्राप्त करना है, जिसके लिए इथेनॉल उत्पादन क्षमता में पर्याप्त वृद्धि की आवश्यकता है।

इसे प्राप्त करने के लिए, प्रधानमंत्री जी-वन योजना में सरप्लस  बायोमास और कृषि अपशिष्ट से दूसरी पीढ़ी (2G) के इथेनॉल के विकास पर ध्यान केंद्रित करने पर बल दिया गया है।

मार्च 2019 में शुरू की गई प्रधानमंत्री जी-वन योजना के तहत पानीपत में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने भारत के पहले 2G इथेनॉल संयंत्र की स्थापना की है है।

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