वैम्पायर तारा पर खगोलविदों की नई स्टडी

भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) के खगोलविदों की एक टीम ने यह खोज की है कि एक वैम्पायर तारा (vampire star) कर्क नक्षत्र (constellation Cancer) में स्थित तारा समूह M67 में एक पडोसी से पदार्थ चूसकर अपनी युवावस्था को फिर से जीवंत कर रहा है।

इस वैम्पायर तारे, जिन्हें ब्लू स्ट्रैगलर स्टार (BSS) के रूप में जाना जाता है, तारों के विकास के सिंपल मॉडल को चुनौती देते हैं और युवा सितारों की कई विशेषताएँ दिखाते हैं।

वे एक बाइनरी साथी तारा से पदार्थ शोषित करके फिर से जीवंत हो जाते हैं।

इस खोज की कुंजी भारत की पहली डेडिकेटेड अंतरिक्ष वेधशाला एस्ट्रोसैट पर लगे अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप से प्राप्त डेटा था।

वैज्ञानिकों ने स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग करते हुए M67 में स्थित वैम्पायर तारे, जिसे WOCS 9005 कहा जाता है, की सतह संरचना का अध्ययन किया। स्पेक्ट्रोस्कोपी एक ऐसी तकनीक है जिसमें तारे के प्रकाश को इंद्रधनुष जैसे रंगों में फैलाया जाता है।

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