भारत और अमेरिका ने “सांस्कृतिक सम्पदा समझौता” पर हस्ताक्षर किए,

भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने 26 जुलाई को एक सांस्कृतिक सम्पदा समझौते (India-US cultural property agreement) पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य दोनों देशों की सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए सहयोग बढ़ाना है।

इस बार भारत द्वारा नई दिल्ली में आयोजित 46वें यूनेस्को विश्व धरोहर समिति सत्र के मौके पर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

सांस्कृतिक सम्पदा समझौते सांस्कृतिक सम्पदा यानी कल्चरल प्रॉपर्टी के अवैध व्यापार को रोकते हैं और उस प्रक्रिया को सरल बनाते हैं जिसके द्वारा लूटी गई और चोरी की गई प्राचीन सांस्कृतिक ऑब्जेक्ट्स को उनके मूल देश में वापस किया जा सकता है।  

सांस्कृतिक सम्पदा समझौता, जो “सांस्कृतिक संपदा के अवैध आयात, निर्यात और स्वामित्व के हस्तांतरण को प्रतिबन्ध और रोकथाम करने के साधन पर  यूनेस्को कन्वेंशन 1970″ के के अनुरूप है।

इस कन्वेंशन के दोनों देश पक्षकार हैं।” भारत को 1976 से 358 पुरावशेषों विदेशों से वापस मिले हैं; इनमें से 345 को 2014 के बाद से वापस लाया गया है, जिनमें से अधिकतर अमेरिका से वापस लाये गए हैं।

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