भारत ने चागोस द्वीपसमूह विवाद में मॉरीशस का समर्थन किया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कहा कि भारत चागोस द्वीपसमूह (Chagos Archipelago ) के मुद्दे पर मॉरीशस को उसके उपनिवेशवाद-विमुक्ति के रुख के अनुरूप समर्थन देना जारी रखेगा।
श्री जयशंकर ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के साथ पोर्ट लुइस में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
जगन्नाथ ने उसी कार्यक्रम में अपने संबोधन में चागोस द्वीपसमूह का मुद्दा उठाया।
चागोस द्वीपसमूह सात एटोल का एक समूह है जिसमें डिएगो गार्सिया द्वीप भी शामिल है, जिस पर अमेरिकी सैन्य अड्डा स्थित है।
मॉरीशस द्वारा दावा किए जाने के बावजूद, चागोस द्वीपसमूह यूनाइटेड किंगडम के ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र का हिस्सा है और डिएगो गार्सिया को 1960 के दशक में अमेरिका को पट्टे पर दिया गया था।
चागोस द्वीपसमूह में हिंद महासागर के मध्य में लगभग 58 छोटे, बहुत निचले द्वीप शामिल हैं। 18वीं शताब्दी से, वे औपनिवेशिक कब्जे में हैं। फरवरी 2019 में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने 1965 में मॉरीशस से चागोस द्वीपसमूह को अलग करने के कानूनी विवाद पर एक सलाहकार राय जारी की।
न्यायालय ने कहा कि यूनाइटेड किंगडम छह महीने के भीतर बिना शर्त अपने औपनिवेशिक प्रशासन को क्षेत्र से वापस ले ले और इसे मॉरीशस को सौंप दे।