ऑर्थो-क्लोरो बेंजाइलिडीन मैलोनोनाइट्राइल
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने तमिलनाडु के एक बंदरगाह पर जैविक और रासायनिक युद्ध कार्यक्रम में आंसू गैस और दंगा नियंत्रण एजेंटों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित रसायनों से युक्त पाकिस्तान जाने वाली खेप को जब्त किया है।
यह जहाज ऑर्थो-क्लोरो बेंजाइलिडीन मैलोनोनाइट्राइल रसायन, जिसे सीएस के रूप में भी जाना जाता है, से लदा था। इस रसायन का उपयोग आंसू गैस और दंगा नियंत्रण एजेंट के रूप में किया जाता है।
सीमा शुल्क अधिकारियों ने नियमित जांच के बाद रसायन की इस खेप को जब्त कर लिया क्योंकि यह रसायन भारत के विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकी (SCOMET) की निर्यात नियंत्रण सूची में नियंत्रित पदार्थ के रूप में शामिल है।
इस शिपमेंट को सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 तथा सामूहिक विनाश के हथियार और वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत जब्त किया गया था।
रसायन की और जांच से पता चला कि यह खेप वासेनार व्यवस्था (Wassenaar Arrangement) के तहत एक सूचीबद्ध पदार्थ था।
वासेनार व्यवस्था
भारत वासेनार व्यवस्था का हस्ताक्षरकर्ता देश है। हालांकि, पाकिस्तान और चीन वासेनार व्यवस्था के हस्ताक्षरकर्ता नहीं हैं।
जुलाई 1996 में स्थापित, वासेनार व्यवस्था एक स्वैच्छिक निर्यात नियंत्रण व्यवस्था है।
इस समूह में 42 सदस्य हैं।
सदस्य देश पारंपरिक हथियारों के हस्तांतरण और दोहरे उपयोग (ड्यूल यूज: सैन्य और असैन्य उपयोग) की वस्तुओं और प्रौद्योगिकियों पर जानकारी साझा करते हैं।