अमेरिका ने केन्या को “प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी (MNNA) का दर्जा दिया

संयुक्त राज्य अमेरिका ने केन्या को “प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी (major non-NATO ally: MNNA)” का दर्जा दिया है। अमेरिकी व्हाइट हाउस द्वारा प्रकाशित एक ज्ञापन में कहा गया है कि MNNA का दर्जा अमेरिकी कानून के तहत एक डिजाइनेशन है जो विदेशी भागीदारों को रक्षा व्यापार और सुरक्षा सहयोग के क्षेत्रों में कुछ लाभ प्रदान करता है।

राष्ट्रपति बाइडेन ने केन्याई राष्ट्रपति विलियम रुटो की तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के दौरान केन्या को मेजर नॉन-नाटो अलाइ के रूप में नामित करने का संकल्प लिया था।

अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, MNNA दर्जा संयुक्त राज्य अमेरिका के उन देशों के साथ घनिष्ठ संबंधों का एक शक्तिशाली प्रतीक है।  

वैसे MNNA का दर्जा सैन्य और आर्थिक विशेषाधिकार प्रदान करता है, लेकिन यह देशों को  किसी भी सामूहिक सुरक्षा का वचन नहीं देता है।

यह वचन या कमिटमेंट केवल नाटो सदस्य देशों को प्राप्त हैं।  वैसे MNNA दर्जा वाले देश सहयोगी अनुसंधान, विकास, परीक्षण या मूल्यांकन उद्देश्यों के लिए सामग्री, लॉजिस्टिक्स  या उपकरण के ऋण लेने के लिए पात्र हैं।

ये देश अपने क्षेत्र में अमेरिकी स्वामित्व वाले युद्ध रिजर्व स्टॉकपाइल्स रखने के लिए जगह दे सके हैं।

वर्तमान में 19 देशों को “प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी (MNNAs) का दर्जा दिया गया है। ये हैं: अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, ब्राजील, कोलंबिया, मिस्र, इज़राइल, जापान, जॉर्डन, कुवैत, मोरक्को, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, फिलीपींस, कतर, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और ट्यूनीशिया।

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