G7 देशों ने अवसंरचना परियोजनाओं को समर्थन देने का वचन दिया
इटली में अपने तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के समापन के बाद जारी अपने संयुक्त वक्तव्य में G7 देशों ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) जैसी विशिष्ट अवसंरचना परियोजनाओं को समर्थन देने का वचन दिया है।
प्रमुख परियोजनाओं में लोबिटो, लूजोन, मध्य और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप जैसे गलियारों के लिए समन्वय और वित्तपोषण प्रयास शामिल हैं।
वे यूरोपीय संघ के ग्लोबल गेटवे (Lobito Corridor), अफ्रीकी संघ की ग्रेट ग्रीन वाल इनिशिएटिव और इटली की अफ्रीका के लिए मैटेई योजना (Mattei Plan) जैसी मौजूदा पहलों को आगे बढ़ाने की भी योजना बना रहे हैं।
नेताओं ने “पार्टनरशिप फॉर ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट (PGII) पहलों, प्रमुख परियोजनाओं और गुणवत्तापूर्ण अवसंरचना और निवेश के लिए परिवर्तनकारी आर्थिक गलियारे विकसित करने के लिए पूरक पहलों के लिए ठोस प्रयासों को बढ़ावा देने का समर्थन किया।
इनमें लोबिटो कॉरिडोर (अफ्रीका), लूजोन कॉरिडोर/Luzon Corridor (फिलीपींस), मध्य कॉरिडोर और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर के लिए समन्वय और वित्तपोषण को गहरा करना शामिल है।
वैश्विक अवसंरचना और निवेश के लिए भागीदारी (PGII) पहल
हाल ही में, G7 नेताओं ने वैश्विक अवसंरचना और निवेश के लिए भागीदारी (PGII) पहल को और आगे बढ़ाने के लिए ठोस समर्थन किया।
PGII योजना की घोषणा पहली बार जून 2021 में यूके में G7 (या ग्रुप ऑफ़ सेवन) शिखर सम्मेलन के दौरान की गई थी।
2022 में, जर्मनी में G7 शिखर सम्मेलन के दौरान, PGII को सार्वजनिक और निजी निवेश के माध्यम से विकासशील देशों में अवसंरचना परियोजनाओं को निधि देने में मदद करने के लिए एक संयुक्त पहल के रूप में आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया था।
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) वैश्विक अवसंरचना निवेश के लिए भागीदारी (PGII) का हिस्सा है।
ग्रेट ग्रीन वॉल पहल
अफ्रीकी संघ द्वारा 2007 में शुरू की गई, और अफ्रीकी-नेतृत्व वाली ग्रेट ग्रीन वॉल पहल का उद्देश्य अफ्रीका महाद्वीप के क्षत-विक्षत परिदृश्यों को बहाल करना और साहेल क्षेत्र में लाखों लोगों के जीवन को बदलना है।
यूरोपीय संघ का ग्लोबल गेटवे
यूरोपीय आयोग और यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि ने ग्लोबल गेटवे की रूपरेखा तैयार की है, जो डिजिटल, ऊर्जा और परिवहन क्षेत्रों में स्मार्ट, स्वच्छ और सुरक्षित संपर्कों को बढ़ावा देने और दुनिया भर में स्वास्थ्य, शिक्षा और अनुसंधान प्रणालियों को मजबूत करने के लिए एक नई यूरोपीय रणनीति है।