UN ने 2025 को ‘अंतर्राष्ट्रीय क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी वर्ष’ घोषित किया

संयुक्त राष्ट्र ने 2025 को ‘अंतर्राष्ट्रीय क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी वर्ष’ (International Year of Quantum Science and Technology) घोषित किया है।

वर्ष 2025 को अंतर्राष्ट्रीय क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी वर्ष के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि 2025 में क्वांटम मैकेनिक्स के प्रारंभिक विकास के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यह पहल “साल भर चलने वाली”, “विश्वव्यापी” होगी और इसे “क्वांटम विज्ञान और इसके उपयोग के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से सभी स्तरों पर गतिविधियों के माध्यम से मनाया जाएगा।”

सर्वप्रथम मई 2023 में मेक्सिको ने इसके लिए एक प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में पेश किया था और जल्द ही अन्य देशों ने भी इसमें भाग लिया। 60 देशों से समर्थन मिलने के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 जून को इसे स्वीकार कर लिया।

क्वांटम कंप्यूटर की बदौलत क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी हाल ही में आम बोलचाल और मुद्दों में अधिक बार दिखाई दे रही है। हालाँकि इस प्रकार की पूरी तरह से चालू मशीनें अभी तक मौजूद नहीं हैं, लेकिन शोधकर्ताओं और उद्योग विशेषज्ञों का मानना ​​है कि जल्द ही ऐसी मशीनें हकीकत में दिखने लगेंगी।

दरअसल क्वांटम मेकेनिक्स भौतिकी का वह क्षेत्र है जो बताता है कि कैसे अत्यंत छोटी वस्तुओं में एक साथ कण यानी पार्टिकल (पदार्थ के छोटे टुकड़े) और तरंग यानी वेव (ऊर्जा स्थानांतरित करने वाली हलचल या भिन्नता) दोनों की विशेषताएं होती हैं। भौतिक विज्ञानी इसे “तरंग-कण द्वैत” (wave-particle duality.) कहते हैं।

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