कार्बन मूल्य निर्धारण नीति (carbon pricing policy)
पेंसिल्वेनिया, संयुक्त राज्य अमेरिका में जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए कार्बन मूल्य निर्धारण नीति (carbon pricing policy) अपनाने वाला पहला प्रमुख जीवाश्म ईंधन उत्पादक राज्य बन गया है।
- यह 11 उन राज्यों में शामिल हो गया है जहां कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस बिजली संयंत्रों को उनके द्वारा उत्सर्जित प्रत्येक टन कार्बन डाइऑक्साइड के लिए क्रेडिट खरीदना अनिवार्य किया गया है।
- अमेरिका का बाइडेन प्रशासन कार्बन उत्सर्जन से निपटने के लिए कार्बन की सामाजिक लागत (social cost of carbon) तरीका अपना रहा है। यह दृष्टिकोण प्रदूषणकारी उद्योगों पर कड़े प्रतिबंधों को सही ठहराने के लिए भविष्य के जलवायु नुकसान की गणना करता है।
- बाइडेन प्रशासन ने कार्बन की सामाजिक लागत लगभग $ 51अनुमानित की है, जिसका अर्थ है कि आज एक बिजली संयंत्र या टेल पाइप से निकलने वाले कार्बन डाइऑक्साइड का प्रत्येक टन आने वाले वर्षों में 51 डॉलर का आर्थिक नुकसान का योगदान करने का अनुमान है।
- इसके विपरीत, अमेरिका के पूर्वोत्तर में क्षेत्रीय ग्रीनहाउस गैस पहल (Regional Greenhouse Gas Initiative) के तहत नीलामी में उत्सर्जन का मूल्य हाल ही में 13.50 डॉलर प्रति टन तय किया गया था। इस दूसरे विकल्प में पेंसिल्वेनिया शामिल हो रहा है।
- कैलिफोर्निया में एक समान “कैप एंड ट्रेड” (cap and trade) उत्सर्जन कार्यक्रम लागू है।
- जहाँ कार्बन की सामाजिक लागत भविष्य की सभी जलवायु क्षतियों की लागत को शामिल करती है वहीं कार्बन मूल्य निर्धारण (carbon pricing) यह दर्शाता है कि नीलामी में पेश किए जाने वाले उत्सर्जन क्रेडिट की सीमित मात्रा के लिए कंपनियां आज कितना भुगतान करने को तैयार हैं। दूसरे शब्दों में, कार्बन की सामाजिक लागत नीति को निर्देशित करती है, जबकि कार्बन मूल्य निर्धारण क्रियान्वयन नीति का प्रतिनिधित्व करता है। दोनों तरीकों का लक्ष्य एक ही है कि उत्सर्जन को कम किया जाये और जो उत्सर्जन करता है वह इसका भुगतान करे।
कार्बन मूल्य निर्धारण तंत्र
- विश्व बैंक के अनुसार, दो मुख्य प्रकार के कार्बन मूल्य निर्धारण (carbon pricing) तंत्र मौजूद हैं: उत्सर्जन व्यापार प्रणाली (emissions trading systems: ETS) और कार्बन कर (carbon taxes.)।
- उत्सर्जन व्यापार प्रणाली (ETS): इसे कभी-कभी कैप-एंड-ट्रेड (cap and trade) सिस्टम कहा जाता है। इसके तहत ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के कुल स्तर की सीमा तय की जाती और कम उत्सर्जन वाले उद्योगों को अपने अतिरिक्त कार्बन बचत को बड़े उत्सर्जकों को बेचने की अनुमति देता है।
- उत्सर्जन व्यापार प्रणाली ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए एक बाजार मूल्य स्थापित करता है। कार्बन उत्सर्जन सीमा यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि उत्सर्जक (कुल मिलाकर) को उनके पूर्व-आवंटित कार्बन बजट के भीतर रखने के लिए आवश्यक उत्सर्जन में कमी करनी होगी।
- कार्बन टैक्स सीधे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर कर आरोपित किया जाता है। जीवाश्म ईंधन के कार्बन कंटेंट पर मूल्य निर्धारित किया जाता है। अर्थात यदि आप उत्सर्जन कर रहे हैं तो सीधा टैक्स दें। यहाँ किसी अन्य से कार्बन क्रेडिट खरीदने की प्रणाली नहीं है।
- यह उत्सर्जन व्यापार प्रणाली से इस रूप में अलग है कि कार्बन टैक्स के तहत उत्सर्जन में कमी को पूर्व में तय नहीं किया जाता है अर्थात आपको नहीं कहा जाता है कि आप एक निर्धारित सीमा से अधिक कार्बन उत्सर्जन नहीं कर सकते। लेकिन इसमें कार्बन मूल्य पहले से निर्धारित होता है अर्थात जितना आप उत्सर्जन करेंगे आपको उतना टैक्स भरना होगा।
GS टाइम्स UPSC प्रीलिम्स (PT) करेंट अफेयर्स डेली ऑनलाइन अभ्यास (टेस्ट) के लिए यहाँ क्लिक करें
UPC प्रारंभिक परीक्षा दैनिक/वार्षिक सामान्य अध्ययन-1 अभ्यास (हिंदी माध्यम मानक अभ्यास)