ग्लोबल हेपेटाइटिस रिपोर्ट 2024
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 2024 ग्लोबल हेपेटाइटिस रिपोर्ट के अनुसार, वायरल हेपेटाइटिस के कारण जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ रही है। हेपेटाइटिस वायरस से प्रतिदिन 3,500 से अधिक लोग मरते हैं और इस बीमारी की वैश्विक मृत्यु दर बढ़ रही है।
यह बीमारी वैश्विक स्तर पर मृत्यु का दूसरा प्रमुख संक्रामक कारण है, इस बीमारी से प्रति वर्ष 1.3 मिलियन लोगों की मृत्यु होती है, जो तपेदिक के समान है।
187 देशों के नए आंकड़ों से पता चलता है कि वायरल हेपेटाइटिस से होने वाली मौतों की संख्या 2019 के 1.1 मिलियन से बढ़कर 2022 में 1.3 मिलियन हो गई।
वैश्विक स्तर पर 2022 में 254 मिलियन लोग हेपेटाइटिस B और 50 मिलियन लोग हेपेटाइटिस C से पीड़ित थे। फिर भी क्रोनिक हेप B वाले केवल तीन प्रतिशत लोगों को 2022 के अंत तक एंटीवायरल उपचार प्राप्त हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार, विश्व में हेपेटाइटिस के दो तिहाई मामले बांग्लादेश, चीन, इथियोपिया, भारत, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस, रूस और वियतनाम में दर्ज हैं। 2022 में 3.5 करोड़ संक्रमणों के साथ चीन के बाद भारत में हेपेटाइटिस B और C के मामलों की दूसरी सबसे अधिक संख्या थी।
भारत में विश्व के कुल 11.6% हेपेटाइटिस मरीज हैं ।
हेपेटाइटिस लिवर की सूजन है जो कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है और घातक हो सकती है।
हेपेटाइटिस वायरस के पांच मुख्य प्रकार हैं, जिन्हें A, B, C, D और E कहा जाता है। हालांकि वे सभी यकृत रोग का कारण बनते हैं, लेकिन संचरण के तरीकों, बीमारी की गंभीरता, भौगोलिक वितरण और रोकथाम सहित महत्वपूर्ण तरीकों से भिन्न होते हैं।