बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण
नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम (Agni-Prime) का 3 अप्रैल 2024 को ओडिशा के तट पर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के साथ सामरिक बल कमान (SFC) द्वारा सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया।
अग्नि P दो चरणों वाली कनस्तरीकृत ठोस प्रणोदक बैलिस्टिक मिसाइल है जिसमें दोहरी अतिरिक्त नेविगेशन और मार्गदर्शन प्रणाली है। इसकी मारक क्षमता 1,000-2,000 किमी है।
परमाणु बम गिराने में सक्षम यह मिसाइल भारत की सबसे आधुनिक मिसाइलों में से एक है। इसका पहली बार परीक्षण जून 2021 में किया गया था। यह अग्नि श्रृंखला की सभी पिछली मिसाइलों से हल्की है।
जून 2023 में, सिस्टम की सटीकता और विश्वसनीयता को मान्य करते हुए, मिसाइल के तीन सफल विकासात्मक परीक्षणों के बाद पहला प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च किया गया था।
यह मिसाइल बहुत तेजी से अपना रास्ता बदलने में सक्षम है और इसकी सटीकता को बढ़ाया गया है। यह कनस्तर सिस्टम के जरिए दागी जा सकती है जिससे इसे कहीं भी आसानी से रेल और रोड के जरिए ले जाया जा सकता है।
अग्नि श्रृंखला की मिसाइलें भारत के परमाणु हथियार ढोने वाली मिसाइलों की रीढ़ हैं जिसमें पृथ्वी जैसी कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल भी शामिल हैं।