केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन नियम, 2024 अधिसूचित किया
केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन नियम, 2024 (Citizenship Amendment Rules, 2024) को अधिसूचित किया।
इन नियमों के अधिसूचित होने के साथ ही 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) औपचारिक रूप से लागू हो गया है।
प्रमुख प्रावधान
यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, ईसाई और जैन समुदाय के बिना डॉक्यूमेंट वाले लोगों को भारत की नागरिकता देने की सुविधा प्रदान करता है।
अधिसूचित नियम के अनुसार आवेदकों को छह प्रकार के डाक्यूमेंट्स उपलब्ध कराने होंगे और भारत में “प्रवेश की तारीख” बतानी होगी।
स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची में जन्म प्रमाण पत्र, कास्तकारी रिकॉर्ड, पहचान पत्र, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी कोई भी लाइसेंस, स्कूल या शैक्षिक प्रमाण पत्र शामिल हैं।
आवेदकों को “स्थानीय रूप से प्रतिष्ठित सामुदायिक संस्थान” द्वारा जारी “पात्रता प्रमाण पत्र” प्रस्तुत करना होगा जो पुष्टि करता है कि वह “हिंदू / सिख / बौद्ध / जैन / पारसी / ईसाई समुदाय से संबंधित है और उपर्युक्त समुदाय का सदस्य बना हुआ है।
नागरिकता के लिए याचिका ऑनलाइन दायर करनी होगी और एक जिला-स्तरीय समिति के माध्यम से एक अधिकार प्राप्त समिति सभी आवेदनों की जांच करेगी।
अधिकार प्राप्त समिति की अध्यक्षता प्रत्येक राज्य में निदेशक (जनगणना संचालन) करेंगे, और इसमें अन्य अधिकारी शामिल होंगे।
जिला स्तरीय समिति की अध्यक्षता वरिष्ठ डाक अधीक्षक या अधीक्षक करेंगे।
बता दें कि CAA 2019 को 11 दिसंबर, 2019 को पारित किया गया था। राष्ट्रपति ने 12 दिसंबर, 2019 को विधेयक को मंजूरी दी थी।