ई-किसान उपज निधि’ (डिजिटल गेटवे)

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री ने वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) की ‘ई-किसान उपज निधि’ (डिजिटल गेटवे) लॉन्च की। इसका उद्देश्य किसानों को WDRA पंजीकृत गोदामों में रखे गए अपने अनाज के बदले बैंकों से फसल कटाई के बाद ऋण प्राप्त करने में सुविधा प्रदान करना है।

यह ऋण इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रिसीट्स (e-NWRs) के आधार पर प्रदान किए जाते हैं।

वर्तमान में, WDRA के तहत 5,500 से अधिक पंजीकृत गोदाम हैं, जबकि कृषि-गोदामों की कुल संख्या लगभग 1 लाख होने का अनुमान है। अधिक किसानों, विशेषकर छोटे किसानों को गोदामों का उपयोग करने और अपनी आय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए WDRA पंजीकृत गोदामों पर सिक्योरिटी डिपॉजिट  जल्द ही कम किया जाएगा।

इन गोदामों में अपनी उपज का भंडारण करने वाले किसानों को पहले के 3% के बजाय केवल 1% सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि का भुगतान करना होगा।  

यह प्रति वर्ष 7% ब्याज दर से  बिना कुछ गिरवी रखे ऋण की सुविधा उपलब्ध कराएगी।  

6 महीने की अवधि के लिए किसी भी पंजीकृत WDRA गोदाम में किसानों के भंडारण की प्रक्रिया को आसान बना सकता है।  

बता दें कि किसान अक्सर भंडारण की सही व्यवस्था ना होने की वजह से अपनी उपज को औने-पौने दाम पर बेच देते हैं। कई बार उन्हें अगली फसल की बुआई के लिए पैसों की जरूरत होती है। ऐसे में, वे मजबूरन कम कीमत में उपज बेच देते हैं। ई-किसान उपज निधि से अनाज भंडारण और पैसों की तत्काल जरूरत, दोनों समस्याओं का समाधान हो सकेगा।

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