भारत में तेंदुओं की स्थिति पर रिपोर्ट 2022
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने 29 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली में भारत में तेंदुओं की स्थिति पर रिपोर्ट (Status of Leopards in India 2022) जारी की। यह तेंदुओं की पांचवीं गणना थी।
तेंदुओं की आबादी का अनुमान राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्य जीव संस्थान द्वारा, राज्य वन विभागों के सहयोग से किया जा रहा है।
“बाघों की निगरानी, शिकारियों, शिकार और उनके हैबिटेट की निगरानी” प्रोग्राम के तहत प्रत्येक चार वर्षों पर तेंदुओं की गणना की जाती है।
भारत में तेंदुए की आबादी के आकलन का पांचवां चक्र (2022) 18 टाइगर रेंज के भीतर वन पर्यावासों में किये गए हैं जिसमें चार प्रमुख बाघ संरक्षण लैंडस्केप शामिल हैं। इस गणना में हिमालय और देश के अर्धशुष्क हिस्सों से सैंपल नहीं लिए गए हैं, क्योंकि इन जगहों पर बाघ नहीं प्राप्त होते हैं। तेंदुओं की गणना बाघों वाले क्षेत्रों में किये गए हैं।
2022 में भारत में तेंदुओं की आबादी 13,874 थी जबकि यह 2018 में 12852 थी। यह 1.08 प्रतिशत की वृद्धि है। यह अनुमान तेंदुए के हैबिटेट स्थानों की 70 प्रतिशत आबादी को दर्शाता है।
मध्य भारत में तेंदुओं की आबादी की स्थिर या थोड़ी बढ़ती दिखाई देती है, वहीं शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानी इलाकों में संख्या में गिरावट देखी गई।
देश में तेंदुओं की सर्वाधिक संख्या मध्यप्रदेश (3907) में है, इसके बाद महाराष्ट्र (1985), कर्नाटक (1,879) और तमिलनाडु (1,070) में हैं।
टाइगर रिजर्व या सबसे अधिक तेंदुए की आबादी वाला टाइगर रिजर्व आंध्रप्रदेश के श्रीशैलम में नागार्जुन सागर है, इसके बाद मध्यप्रदेश में पन्ना और सतपुड़ा हैं।