WTO के “सेवा व्यापार के लिए अच्छे रेगुलेटरी प्रैक्टिसेज पर नए डिसिप्लिन” लागू हुए

विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने 27 फरवरी को सेवाओं के घरेलू विनियमन पर नए दायित्यों (new disciplines on services domestic regulation) को अपनाया। इसका लक्ष्य व्यापार लागत को प्रति वर्ष लगभग $150 बिलियन तक कम करना है।

सेवा घरेलू विनियमन समझौता अबू धाबी में आयोजित WTO-13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में लागू हुआ

संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस), कनाडा, जापान, चीन, यूनाइटेड किंगडम और स्विट्जरलैंड जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं सहित 72 देश इस प्लुरिलेटरल समझौते (Plurilateral agreement) का हिस्सा हैं।

हालाँकि, भारत इस समझौते का हिस्सा नहीं है। उसके अनुसार यह एक प्लुरिलेटरल एग्रीमेंट है जिसका वह विरोध करता रहा है। भारत, सैद्धांतिक रूप से, WTO जैसे प्लेटफार्मों पर प्लुरिलेटरल समझौते के खिलाफ रहा है क्योंकि उसका मानना है कि यह उसके मल्टीलेटरल व्यापार फ्रेमवर्क को कमजोर कर सकता है।

बता दें कि मल्टीलेटरल एग्रीमेंट WTO के सभी सदस्यों के लिए बाध्यकारी हैं और इन्हें WTO समझौते के साथ समग्र रूप से अनुमोदित किया जाना चाहिए। इसके विपरीत प्लुरिलेटरल एग्रीमेंट वैकल्पिक होते हैं और केवल उन सदस्यों के लिए बाध्यकारी होते हैं जो उन्हें अनुमोदित करना चुनते हैं।

सेवाओं के घरेलू विनियमन पर नए दायित्य, WTO समझौते में सेवाओं की आपूर्ति के लिए परमिट मांगने पर पुरुषों और महिलाओं के बीच भेदभाव सुनिश्चित करने की यह पहली प्रतिबद्धता है।

नए समझौते का उद्देश्य लाइसेंसिंग आवश्यकताओं और प्रक्रियाओं, योग्यता आवश्यकताओं और प्रक्रियाओं और तकनीकी मानकों से संबंधित उपायों के अनपेक्षित व्यापार-प्रतिबंधात्मक प्रभावों को कम करना है। इसका समग्र ध्येय यह है कि रेगुलेटरी एनवायरनमेंट को व्यापार के लिए अधिक अनुकूल बनाया जाए और विदेशी बाजारों तक पहुंच चाहने वाले सेवा आपूर्तिकर्ताओं के लिए व्यापार लागत कम की जाए।

इससे विशेष रूप से छोटे व्यवसायों और महिला उद्यमियों को मदद मिलेगी।

ये डिसिप्लीन “मोस्ट फेवर्ड नेशन” सिद्धांत पर लागू किया जाएगा, जिसका अर्थ है कि ये दायित्व WTO के सभी सदस्यों को लाभान्वित करेंगे।

हालाँकि, WTO के 164 सदस्यों में से केवल 72 ही समझौते के पक्षकार हैं। ये नियम सीमा पार सेवा व्यापार में व्यवसायों के सामने आने वाली नौकरशाही चुनौतियों का समाधान हैं, जिनका उद्देश्य प्रक्रियाओं को सरल बनाना और दुनिया भर में सेवा आपूर्तिकर्ताओं के लिए समान अवसरों को बढ़ावा देना है।

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