भारत में हिम तेंदुओं की स्थिति पर रिपोर्ट

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने 30 जनवरी 2024 को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक के दौरान “भारत में हिम तेंदुओं की स्थिति (Status of Snow leopards in India) पर रिपोर्ट जारी की।

भारत में हिम तेंदुआ संख्या आकलन (Snow Leopard Population Assessment in India: SPAI) कार्यक्रम अपनी तरह का पहला आकलन है।

हिम तेंदुए को एक मायावी बिल्ली के रूप में जाना जाता है और यह उन पहाड़ी इलाकों में प्राप्त होती है जहां तक पहुंचना कठिन है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वाइल्ड में अनुमानित 718 हिम तेंदुए (Snow leopard) हैं। भारत में हिम तेंदुओं की सबसे अधिक संख्या लद्दाख (477) में होने का अनुमान है, इसके बाद उत्तराखंड (124), हिमाचल प्रदेश (51), अरुणाचल प्रदेश (36), सिक्किम (21), और जम्मू और कश्मीर (नौ) हैं।

वर्तमान अनुमान के अनुसार भारतीय हिम तेंदुओं की संख्या वैश्विक आबादी के 10% से 15% के बीच है।

राज्यों ने सर्वेक्षण किए और देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान ने उन इंडिविजुअल हिम तेंदुओं की संख्या का अनुमान लगाने के लिए सॉफ्टवेयर और सांख्यिकीय तरीकों का इस्तेमाल किया।

भारत में स्नो लेपर्ड पॉपुलेशन असेसमेंट (SPAI) 2019 में शुरू हुआ और इसमें WII के साथ वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर इंडिया और नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन, मैसूरु शामिल हैं।

हिम तेंदुए को प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN रेड लिस्ट) द्वारा ‘वल्नरेबल ‘ के रूप में वर्गीकृत किया गया है और इसे खुले कुत्तों, मानव-वन्यजीव संघर्ष और अवैध शिकार से खतरों का सामना करना पड़ता है।

हिम तेंदुए के पिछले पैर हिम तेंदुए को उसके शरीर की लंबाई से छह गुना अधिक छलांग लगाने की क्षमता देते हैं।

हिम तेंदुए शर्मीली बिल्लियाँ हैं जो अपने एकान्त स्वभाव के लिए जानी जाती हैं।

ये बड़ी बिल्लियाँ सुबह और शाम के समय सबसे अधिक सक्रिय होती हैं, जिसे वैज्ञानिक “क्रिपसकुलर एक्टिविटी पैटर्न” (crepuscular activity pattern) कहते हैं।

अन्य बड़ी बिल्लियों के विपरीत, हिम तेंदुए दहाड़ नहीं सकते।  

आंतरिक एशिया क्षेत्र (Inner Asia  region) में अधिकतर  हिम तेंदुओं प्राप्त हुए हैं। आंतरिक एशिया से तात्पर्य उत्तर, मध्य और पूर्वी एशिया में फैले उत्तरी और भूमि से घिरे क्षेत्रों से है।  

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