राज्यों में अक्षय ऊर्जा स्थापित क्षमता में राजस्थान प्रथम स्थान पर
केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान और गुजरात ने सौर ऊर्जा क्षमता में मजबूत वृद्धि के कारण वित्तीय वर्ष 21-22 में अक्षय ऊर्जा की समग्र स्थापित क्षमता (overall installed capacity of grid connected renewable power) के मामले में तमिलनाडु और कर्नाटक को पीछे छोड़ दिया है।
- राजस्थान अब देश में ग्रिड से जुड़ी अक्षय ऊर्जा की समग्र स्थापित क्षमता (grid connected renewable power) में अग्रणी है, इसके बाद गुजरात है। तमिलनाडु तीसरे स्थान पर है, जबकि कर्नाटक चौथे स्थान पर है।
- 31 मार्च, 2022 तक, राजस्थान की कुल नवीकरणीय क्षमता एक साल पहले के 10,205 मेगावाट से बढ़कर 17,041 मेगावाट हो गई।
- गुजरात की कुल नवीकरणीय क्षमता बढ़कर 16,588 मेगावाट (13,153 मेगावाट) हो गई।
- तमिलनाडु की कुल अक्षय ऊर्जा क्षमता 16,099 मेगावाट (15,225 मेगावाट) थी। लेकिन यह 9,866 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ पवन ऊर्जा में अग्रणी बना हुआ है, इसके बाद गुजरात (पवन ऊर्जा) का स्थान है। तमिलनाडु की कुल सौर क्षमता 5,067 मेगावाट (4,475 मेगावाट) थी।
- कर्नाटक की कुल नवीकरणीय क्षमता 15,905 मेगावाट (15,463 मेगावाट) तक पहुंच गई। इसने वित्त वर्ष 2012 में राजस्थान से सौर ऊर्जा खंड में अपनी नेतृत्व की स्थिति भी खो दी। कर्नाटक की कुल सौर क्षमता 7,591 मेगावाट (7,355 मेगावाट) थी।
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