गुयाना और वेनेज़ुएला के बीच एस्सेक्विबो विवाद

15 दिसंबर को गुयाना और वेनेज़ुएला एस्सेक्विबो विवाद (Essequibo dispute) को असैन्य तरीके से सुलझाने पर सहमत हुए। इसके साथ ही, सैन्य संघर्ष का खतरा लगभग खत्म हो गया था।

हालांकि, हाल ही में वेनेज़ुएला ने विवादित, तेल-समृद्ध एस्सेक्विबो क्षेत्र के पास एक बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू किया है। इस बढ़ते तनाव के बीच एक ब्रिटिश युद्धपोत, एचएमएस ट्रेंट भी 29 दिसंबर की दोपहर को अपने पूर्व उपनिवेश में खुले समुद्री रक्षा अभ्यास के लिए गुयाना पहुंचा। इससे तनाव और बढ़ने की आशंका फिर से पैदा हो गयी है।

बता दें कि एसेक्विबो (Essequibo) अंग्रेजी भाषी कैरिबियन देश गुयाना का एक हिस्सा है। हालाँकि पिछले दो शताब्दियों से वेनेजुएला द्वारा इसके घने जंगलों वाले क्षेत्र पर दावा किया जाता रहा है।

क्षेत्रीय विवाद ने 20 मई 2015 को एक नाटकीय मोड़ ले लिया, जब अमेरिकी ऊर्जा कम्पनी एक्सॉनमोबिल ने घोषणा की कि उसने एस्सेक्विबो क्षेत्र में कच्चे तेल के भंडार की खोज की है।

एस्सेक्विबो के अपतटीय जल में 11.2 बिलियन तेल-समतुल्य बैरल और 17 ट्रिलियन क्यूबिक फीट प्राकृतिक गैस भंडार हैं।

तेल और प्राकृतिक गैस की खोज ने गुयाना की अर्थव्यवस्था को बदलने में मदद की है, जो अब देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 50 फीसद योगदान देता है।

रिपोर्टों से पता चलता है कि ब्रिटेन और अर्जेंटीना के बीच फ़ॉकलैंड युद्ध के दौरान वेनेजुएला की नजर इस क्षेत्र पर थी। हालांकि, जीवाश्म ईंधन की खोज ने तुरंत गुयाना में सैन्य टकराव की आशंका पैदा कर दी।

हाल में वेनेजुएला ने एक विवादित जनमत सर्वेक्षण भी करवाया था।

वेनेजुएला लंबे समय से दावा करता आ रहा है कि 1899 में 159,500 वर्ग किलोमीटर (61,600 वर्ग मील) वाले इस क्षेत्र को ब्रिटेन को देने का निर्णय अनुचित था।

एस्सेक्विबो एक सदी से भी अधिक समय से गुयाना – और उससे पहले ब्रिटिश गुयाना – के अधिकार में रहा है, लेकिन वेनेजुएला लंबे समय से इसे नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है।  

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