पूनम खेत्रपाल सिंह को भूटान के “नेशनल ऑर्डर ऑफ मेरिट” गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया
विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह को भूटान में उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए भूटान के प्रतिष्ठित नेशनल ऑर्डर ऑफ मेरिट गोल्ड मेडल (National Order of Merit Gold Medal) से सम्मानित किया गया है।
भूटान के 116वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने भारतीय नागरिक डॉ. खेत्रपाल सिंह को इस पुरस्कार से सम्मानित किया।
डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह WHO दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की पहली महिला क्षेत्रीय निदेशक हैं। उन्होंने 2014 से 2024 तक भूटान में स्वास्थ्य सेवा में बदलाव का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनके कार्यकाल में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई, जिसमें भूटान समय से पहले खसरा और रूबेला को खत्म करने वाले पहले देशों में से एक बन गया।
उन्होंने भूटान को COVID-19 टीकाकरण में उत्कृष्टता हासिल करने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह WHO दक्षिण-पूर्व एशिया के क्षेत्रीय निदेशक के रूप में चुनी जाने वाली पहली भारतीय थीं।
उनके एक दशक लंबे कार्यकाल के दौरान भूटान और चार अन्य देशों ने खसरा और रूबेला को खत्म कर दिया है। इस क्षेत्र ने पोलियो का उन्मूलन (eradicated) किया और मातृ एवं नवजात टेटनस को ख़त्म (eliminated) कर दिया।
एलिमिनेशन और इरेडिकेशन (Elimination and Eradication) में अंतर:
एलिमिनेशन यानि समाप्ति का अर्थ है बीमारी को उन अन्य समुदायों में फैलने से रोकना जहां बीमारी का प्रसार लगभग शून्य है।
वहीं इरेडिकेशन का अर्थ है वैश्विक स्तर पर बीमारी को जीरो तक कम करना और लगातार उपायों के कारण बीमारी के वापस आने का कोई खतरा नहीं है।
चेचक या स्माल पॉक्स इरेडिकेशन का एक उदाहरण है। 1960 और 1980 के दशक के बीच एक ठोस टीकाकरण अभियान के कारण लोगों को चेचक से पीड़ित होना और मरना बंद हो गया। अब, दुनिया भर में इसके शून्य मामले हैं।
इस तरह स्मॉल पॉक्स एकमात्र ऐसी बीमारी है जिसका इरेडिकेशन कर दिया गया है।